Sengol Politics: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना पर विवादित बयान दिया। मौर्य ने पीएम मोदी और ब्रह्मणवाद को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र का जश्न मनाते हुए भाजपा सरकार ब्राह्मणवाद के पैरों पर नतमस्तक हो गई है। उन्होंने लोगों को सावधान करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान खतरे में है।
राजतंत्र पर चल पड़ी भाजपा
इससे पहले रविवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि सेंगोल राजदंड स्थापित होते ही भाजपा सरकार राजतंत्र के रास्ते पर चल पड़ी। प्रधानमंत्री आप इधर राज्याभिषेक करा रहे हैं, उधर विश्व विजई भारत की बेटियों को धरना स्थल जंतर मंतर पर आपकी पुलिस पीट रही है। यह बेटियां कोई सामान्य बेटियां नहीं है अपितु ये देश की वह बहादुर बेटियां हैं जिन्होंने ओलंपिक खेल में स्वर्ण, चांदी, कास्य, पदक जीतकर दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है इसलिए सत्ता के मद में बेटियों का अपमान करना बंद करो।
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केवल ब्राह्मणों को बुलाया गया
स्वामी प्रसाद ने यह भी कहा कि सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया जाना चाहिए था। ऐसा न कर भाजपा अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है। यद्यपि कि भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है अपितु दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
जिन लोगों को भारत के प्राचीन इतिहास, भारत की विचारधारा, भारत की ऐतिहासिक संस्कृति के प्रति सम्मान न हो वो ऐसे ही टिप्पणी करते हैं। भारत की क्षमता एक आध्यात्मिक क्षमता है जो विचारधारा प्रधानमंत्री की है। भारत आज G20 की अध्यक्षता कर रहा है जो पूर्व में अंतर्राष्ट्रीय आयोजन किए जाते… pic.twitter.com/Iq9X2IV3on
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 29, 2023
सिंधिया बोले- स्वामी प्रसाद कर रहे संस्कृति का अपमान
स्वामी प्रसाद के बयान पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया। सिंधिया ने कहा कि जिन लोगों को भारत के प्राचीन इतिहास, भारत की विचारधारा, भारत की ऐतिहासिक संस्कृति के प्रति सम्मान न हो वो ऐसे ही टिप्पणी करते हैं। भारत की क्षमता एक आध्यात्मिक क्षमता है जो विचारधारा प्रधानमंत्री की है।
सिंधिया ने कहा कि भारत आज G20 की अध्यक्षता कर रहा है जो पूर्व में अंतर्राष्ट्रीय आयोजन किए जाते थे वो सिर्फ दिल्ली और मुंबई तक सीमित थी। इस बार G20 की अध्यक्षता कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एक-एक राज्य में आयोजित की गई।
अब आध्यात्मिकता को कुचला नहीं जा सकता
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि भारत के ऐसे लोग भारत की आध्यात्मिक क्षमता को कुचलना चाहते है लेकिन अब भारत की आध्यात्मिकता को अब कुचला नहीं जा सकता है।
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