केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में इटली-भारत व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी फोरम में इंडिया-यूएस के बीच व्यापारिक चर्चा पर अपनी बात रखी। गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार 2047 तक अमृत काल में भारत को विकसित करने के लिए काम कर रही है। वे कभी भी बंदूक के बल पर बातचीत नहीं करते। समय की कमी हमें जरूर जल्दी बातचीत करने के लिए प्रेरित करती है। हम जब तक अपने लोगों के हितों को सुरक्षित नहीं कर लेते, तब तक किसी भी सौदे में जल्दबाजी नहीं करते हैं। गोयल ने कहा कि भारत सरकार यूके, यूरोपीय यूनियन, यूएस समेत दुनिया के सभी देशों के साथ इंडिया फर्स्ट की नीति के साथ व्यापार को महत्व दे रही है।
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यूएस और इंडिया ने व्यापार समझौते के पहले फेज को सितंबर-अक्टूबर तक अंतिम रूप देने का टारगेट तय किया है। सरकार 2030 तक यूएस के साथ व्यापार को 500 बिलियन डॉलर (4 लाख करोड़ रुपये) करना चाहती है, जो अभी 191 (1.64 लाख करोड़ रुपये) बिलियन डॉलर है। गोयल ने कहा कि दबाव में कभी बातचीत नहीं की जाएगी। भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। समय की पाबंदी सही है। केंद्रीय मंत्री का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन को छोड़कर सभी देशों के लिए पारस्परिक टैरिफ पर रोक लगाने की घोषणा के एक दिन बाद आया है। अमेरिका ने चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाया है। भारत पर भी टैरिफ का असर पड़ने वाला था, उसे अब 3 महीने की राहत मिल गई है।
Delhi: Union Minister Piyush Goyal says, “I have said many times that we never negotiate with guns. It is good to have time restrictions to encourage people to speak fast. But until we can keep the nation and the people safe, it is not good to be hasty” pic.twitter.com/iQJPFlALig
---विज्ञापन---— IANS (@ians_india) April 11, 2025
विदेश मंत्री जयशंकर का पक्ष
वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि प्रशासन में बदलाव के एक महीने के भीतर हम लोगों ने वास्तव में वैचारिक रूप से एक समझौता किया है कि हम एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता करेंगे। हम दोनों देशों के लिए काम करने वाले उपाय खोजेंगे। पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर सहमति बनी थी। भारत-यूरोपीय संघ (EU) के बीच व्यापार समझौते पर गोयल ने कहा कि व्यापारिक बातचीत तब आगे बढ़ती है, जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होते हैं।
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