Boycott Turkey: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया ने पाकिस्तान की निंदा की है। मगर तुर्की एक ऐसा देश है जिसने पाकिस्तान का सपोर्ट किया है। इसका भुगतान तुर्की को करना होगा, क्योंकि वो भूल गया है कि जब उस पर प्राकृतिक आपदा की मार पड़ी थी तो उस समय भारत ही उसके काम आया था। तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती रणनीतिक और राजनीतिक नजदीकियां अब उसके मनोरंजन जगत पर प्रभाव डाल सकती हैं। भारत में पिछले कुछ वर्षों से टर्किश ड्रामों जैसे ‘एर्तुरुल गाजी’ और ‘उस्मान’ की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही थी। वहां के रोमांटिक ड्रामा भारतीय लोगों द्वारा काफी पसंद किए जा रहे हैं। मगर अब उसकी पाकिस्तान से नजदीकी यह ट्रेंड प्रभावित कर रही है। सोशल मीडिया पर बॉयकॉट तुर्की ट्रेंड कर रहा है।
पाक से दोस्ती पड़ेगी भारी?
पाकिस्तान से पहलगाम अटैक का बदला लेने के लिए भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। इस मिशन की सभी ने प्रशंसा की लेकिन तुर्की ने पाक का साथ देते हुए निंदा की। उसने पाक का सपोर्ट किया और उसे 300-400 ड्रोन उपलब्ध करवाए। उसने हर कदम पर पाक का साथ दिया और कहा कि उसके साथ अन्याय हो रहा है। तुर्की ये भूल गया कि जब उस पर आपदा आई थी तो भारत ने उसकी सबसे ज्यादा मदद की थी। ऐसे में कहीं न कहीं पाक से दोस्ती और भारत से दुश्मनी उसे महंगी पड़ सकती है।
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क्या पाक से नजदीकी का टर्किश ड्रामा पर पड़ेगा असर?
भारत में टर्किश ड्रामा काफी ज्यादा पसंद किए जाते हैं। रोमांटिक हों या फिर फैमिली ड्रामा हर किसी को बहुत अधिक देखा जाता है। मगर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तुर्की द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी, खासतौर पर कश्मीर मुद्दे पर, भारतीय दर्शकों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है। इससे भारत में टर्किश कंटेंट का बहिष्कार या उसकी लोकप्रियता में गिरावट देखी जा रही है। लोग अब बायकॉट तुर्की का नारा लगा रहे हैं। इससे पहले भी भारत में ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जहां राजनीतिक कारणों से विदेशी फिल्मों, धारावाहिकों या उत्पादों का विरोध हुआ है। ऐसे में अगर तुर्की पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता देता रहा, तो यह उसे भारतीय सॉफ्ट पावर के क्षेत्र में नुकसान पहुंचा सकता है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा बायकॉट तुर्की
पाकिस्तान अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। उसकी पनाह में पल रहे आतंकी संगठन लश्करे-तैयबा के आतंकियों ने पहलगाम में अटैक किया और 26 मासूम लोगों की जान ले ली। सुहागिनों के माथे का सिंदूर उजाड़ दिया। पूरी दुनिया ने इसकी निंदा की मगर तुर्की ने इसका समर्थन किया। यही वजह है कि अब भारतीय लोगों के दिल को ठेस पहुंची है, जिसका सीधा असर टर्किश ड्रामा पर पड़ेगा।
कमजोर होगी अर्थव्यवस्था?
ऐसे में ये तो साफ है कि अगर भारत के लोगों द्वारा अगर टर्किश ड्रामा का बायकॉट कर दिया जाए तो इससे उसके मनोरंजन क्षेत्र को काफी नुकसान होगा। इससे उसकी अर्थव्यवस्था भी हिल जाएगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मनोरंजन क्षेत्र में उन्नति का सीधा असर देश की इकोनॉमी पर पड़ता है।
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