Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति लड्डू विवाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र की मांग को खारिज कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने स्वतंत्र एसआईटी जांच के आदेश दिए। जस्टिस गवई ने कहा कि हम स्वतंत्र एसआईटी का सुझाव देते हैं। जिसमें 2 CBI के अधिकारी, 2 राज्य सरकार के अधिकारी और एक अधिकारी FSSAI से हो।
इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए साॅलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें मामले की जांच कर रही SIT के सदस्यों पर पूरा भरोसा है। साॅलिसिटर जनरल ने कहा कि उनकी सलाह है कि एसआईटी जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी से करवाई जाए। वहीं जस्टिस गवई ने कहा कि प्रसाद बनाने वाले घी में मिलावट का आरोप अगर सही है, तो यह गंभीर मामला है।
Supreme Court orders a fresh independent SIT into the allegations of use of animal fat to make laddus to serve as prasadam at the Sri Venkateswara Swamy Temple in Tirumala, Andhra Pradesh, where Lord Venkateswara is worshipped. https://t.co/FnGRyYpD7S
— ANI (@ANI) October 4, 2024
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आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी
कोर्ट ने कहा कि तिरुपति बालाजी प्रसाद बनाने में प्रयोग होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इंडिपेंडेंट SIT का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT में 2 CBI के अधिकारी, 2 आंध्र प्रदेश पुलिस के अधिकारी और एक अधिकारी FSSAI से होगा। जांच की निगरानी CBI डायरेक्टर करेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि यह एक पॉलिटिकल ड्रामा बने। यह दुनिया भर के करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा मामला है। सौभाग्य या दुर्भाग्य से, इसमें दोनों पक्ष शामिल हैं।
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Tirupati Laddu Prasadam issue | Advocate Satyam Singh says “Supreme Court has ordered for the independent SIT constituted by 2 people from CBI, 2 from state police and 1 from Food Safety Authority and Supreme Court has disposed of the petition by commenting that if there will be… pic.twitter.com/IdDaBcaCXg
— ANI (@ANI) October 4, 2024
30 सितंबर को कोर्ट ने की थीं कड़ी टिप्पणियां
इससे पहले 30 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआई गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि जब प्रसाद में चर्बी होने की जांच सीएम नायडू ने एसआईटी को सौंपी थी तो उन्हें मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
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इससे पहले 1 अक्टूबर को आंध्रप्रदेश पुलिस ने एसआईटी जांच रोक दी थी। राज्य के डीजीपी द्वारका प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने तक जांच को रोक दिया गया है।