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AI से भी साइबर फ्रॉड का ट्रेंड शुरू; सामने आए 3 केस, तीनों से कैसे हुई ठगी और कैसे करें बचाव?

Artificial Intelligence: AI से साइबर ठगी करने का ट्रेंड बढ़ता ही जा रहा है। रोजाना केस मिल रहे हैं, लेकिन यह कैसे होती है और इससे कैसे बचाव करें, आइए जानते हैं...

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Oct 11, 2023 16:46
Cyber Fraud
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Cyber Fraud Via Artificial Intelligence: मॉडर्न टेक्नोलॉजी जहां लोगों की जिंदगी को आसान कर रही है, वहीं लोगों के लिए यह मुसीबत भी बन बनती जा रही है। क्योंकि इस टेक्नोलॉजी ने लोगों को ठगी करने का जरिया भी दिया है, जिसे आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के नाम से जाना जाता है। AI से साइबर ठगी करने का ट्रेंड बढ़ता ही जा रहा है। साइबर ठगों ने इसे एक हथियार के रूप में अपनाया है, लेकिन पुलिस के AI से ठगी करने वाले आरोपियों को पकड़ने की मॉडर्न टेक्नोलॉजी नहीं है, जिससे काफी नुकसान हो रहा है। हर रोज ठगी के मामले साइबर थानों में दर्ज हो रहे हैं।

रिटायर्ड फौजी को 20 लाख का चूना लगा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)से ठगी के 3 मामले पिछले 24 घंटे में ही सामने आए। कभी डेटिंग ऐप्स, कभी सेक्सटॉर्शन, साइबर क्राइम की घटनाएं हो रही है। चंडीगढ़ में एक सीनियर अधिकारी डेटिंग ऐप के जरिए धोखाधड़ी का शिकार हो गए। वह कई डेटिंग ऐप चलाते हैं। ऐप के जरिए उनकी एक लड़की से दोस्ती हुई। चैटिंग के दौरान लड़की ने रिटायर्ड फौजी से 20 लाख हड़प लिये। पैसे लेने के बाद से लड़की का नंबर बंद आ रहा था। खुद को फंसता देख रिटायर्ड फौजी ने नजदीकी थाने में मामला दर्ज कराया।

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छत्तीसगढ़ के 5 डॉक्टरों को धमकाया गया

रायपुर में जालसाजों ने कोरियर कंपनियों के नाम पर 5 डॉक्टरों को निशाना बनाया। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि जालसाजों के नंबर ताइवान के हैं। हालांकि ठगी नहीं हुई है, लेकिन ठगों ने डॉक्टरों को फोन करके कहा गया कि उसके द्वारा कोरियर विदेश में भेजा गया है और कोरियर में हेरोइन है। उसने डॉक्टरों का आधार कार्ड नंबर भी बता दिया। फोन करने वाला यह कहकर डराने लगा कि पार्सल पुलिस ने पकड़ लिया है। इसके बाद उसने कहा कि वह मुंबई पुलिस के अधिकारी से बात कर लें।

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चंडीगढ़ की महिला से 43 लाख रुपये ठगे

चंडीगढ़ से साइबर क्राइम का एक हैरान करने वाला सामने आया। यहां एक महिला को लोन ऐप डाउनलोड करना काफी मंहगा पड़ गया है। महिला ने यहां ऐप डाउनलॉड किया और उसका फोन हैक हो गया। हैकर ने महिला की सारी तस्वीरें चोरी कर ली और उनके साथ छेड़छाड़ करके उसे अश्लील बना दिया। इसके बाद इन तस्वीरों के जरिए वह महिला को ब्लैकमेल करने लगा और 43 लाख से अधिक रुपये ठग लिए। पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

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आखिर कैसे की जाती है AI से ठगी?

गूगल प्ले स्टोर में मोबाइल में ऐप डाउनलोड होती हैं, लेकिन डार्क वेब पर कुछ ऐसे टूल्स हैं, जिनकी मदद से आसानी से किसी के चेहरे और आवाज को कॉपी किया जा सकता है। जैसे वॉयस क्लोनिंग ऐप, डीपफेक आदि। पहले किसी न किसी तरह फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम या दूसरी कॉलिंग एप के जरिये वॉयस का सैंपल ले लिया जाता है। इसके बाद दोस्त, रिश्तेदार या करीबी बन कर कॉल किया जाता है। किस भी इमरजेंसी का हवाला देकर पैसों की मांग की जाती है और ठगी हो जाती है।

AI से साइबर ठगी से ऐसे बचाव करें?

  • अनजान नंबर से कॉल आए तो उठाए नहीं। बार-बार कॉल आए तो नंबर क्रॉस चैक करें।
  • दोस्त या रिश्तेदार बताकर कोई पैसे मांगे तो बिना जांच-पड़ताल किए पैसे ट्रांसफर न करें।
  • अगर नंबर रिश्तेदार या करीबी का न हो और कॉल करने वाला रिश्तेदार-करीबी बताए तो सावधान हो जाएं।
  • किसी अनजान मोबाइल नंबर, क्यूआर कोड या बैंक खाते में पैसे बिल्कुल भी ट्रांसफर न करें।
  • ठगी हो भी जाए तो 1930 पर कॉल करें। cybercrime.gov.in शिकायत दर्ज कराएं। साइबर थाने भी जा सकते हैं।

First published on: Oct 09, 2023 05:11 PM

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