मनीष कुमार मिश्रा, देवरिया
UP Deoria Satya Prakash Dubey Family Murder Case: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित देवरिया नरसंहार के मुख्य आरोपी को पुलिस ने दबोच लिया है। मुख्य आरोपी कोई और नहीं, बल्कि जिस प्रेमचंद यादव की मौत से विवाद शुरू हुआ था, उसका ड्राइवर नवनाथ मिश्रा था, जिसने सत्य प्रकाश दुबे और उसकी पत्नी व बच्चों की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस पूछताछ में नवनाथ बताया कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव की हत्या की खबर सुनकर गांव वाले बौखला गए थे। वह भी बौखला गया था, इसलिए पत्थरबाजी के बीच उसने सत्यप्रकाश दुबे के परिवार को गोलियां मार दी। बता दें कि जिस राइफल से गोलियां मारी गईं, वह भी पुलिस ने बरामद कर ली है। केस में यह 21वीं गिरफ्तारी है।
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नरसंहार ने सत्य प्रकाश का एक बेटा बचा
2 अक्टूबर को रुद्रपुर तहसील क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोल पर जमीन को लेकर विवाद हुआ, जिसमें पहले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या हुई। इससे गुस्साए गांव वासियों ने दूसरे पक्ष के सत्य प्रकाश दुबे के घर में घुसकर उसकी और उसके परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी। वारदात वाले दिन सत्य प्रकाश दुबे का एक बेटा देवेश मौके पर नहीं था। वह कर्म-कांड कराने गया हुआ था, इसलिए उसकी जान बच गई। सत्य प्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी ने 27 नामजद और 50 अज्ञात सहित 77 लोगों के खिलाफ IPC की धारा 302(हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) में FIR कराई है।
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नवनाथ मिश्रा ने कबूल कर लिया गुनाह
पुलिस पूछताछ में नवनाथ मिश्रा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि प्रेमचंद यादव की मौत से गुस्साए लोगों ने सत्य प्रकाश दुबे के परिवार के 5 लोगों की पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था। सत्य प्रकाश की पत्नी और बेटी की मौत हमले में हो गई थी, लेकिन सत्य प्रकाश दुबे, उसकी बेटी सलोनी और बेटा गांधी बचा गए थे, जिनको उसने अपनी राइफल से गोलियां मारी। सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर प्रेमचंद यादव की हत्या की सूचना फोन उसने प्रेमचंद के परिजनों को दी। प्रेमचंद की हत्या की खबर फैलते ही लोग दुबे के घर की तरफ दौड़ पड़े। देखते ही देखते उग्र लोगों की भीड़ सत्य प्रकाश दुबे के दरवाजे पर पहुंच गई।
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सीने, घुटने और कमर में मारी गोली
नवनाथ ने बताया कि सत्य प्रकाश के घर के दरवाजे पर प्रेमचंद का शव देखकर लोग उत्तेजित हो गए थे। इसके बाद जिसके हाथ जो भी लगा, उसी से दुबे परिवार पर हमला बोल दिया गया। उग्र भीड़ ने पहले ईंट ,पत्थर और डंडे से दुबे के परिजनों को मारा पीटा। फिर धारदार हथियार से हमला किया। इस हमले में सत्य प्रकाश की पत्नी और छोटी बेटी की मौत हो गई। सत्य प्रकाश दुबे, उसकी बेटी सलोनी और बेटे गांधी की सांसें चल रही थी। इनको जिंदा देख प्रेमचंद यादव की रायफल से तीनों को गोली मार दी। गोली लगते ही इन तीनों की भी मौत हो गई। राइफल की गोली सत्य प्रकाश के सीने पर, सलोनी के घुटने पर और गांधी की कमर पर लगी थी।
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मुख्य आरोपी प्रेमचंद का गनर भी था
पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि नरसंहार की हर पहलू से जांच की जा रही है। फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में जमीनी विवाद में जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या हुई। इसके प्रतिशोध में लोगों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर पर हमला बोला। इस हमले में 6 लोगों की हत्या हुई, जिसमें बच्चे भी शामिल थे। इस घटना में दोनों पक्षों से 27 नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ। इनमें से 16 नामजद और 4 अज्ञात अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। वहीं मुख्य अभियुक्त नवनाथ मिश्र उर्फ पट्टू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वह प्रेमचंद की गाड़ी चलाता था और उनका गनर भी था।