तेलंगाना के उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने कैंपस में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि हाल ही में यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल के खाने में छात्रों को ब्लेड मिला था। इस घटना के बाद से छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन अधिकारियों ने विभागों, कॉलेजों, केंद्रों और प्रशासनिक भवनों में अतिक्रमण, विरोध प्रदर्शन, नारे लगाने और सभाओं पर भी सख्ती से रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय के इस कदम ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। इसे लेकर बीजेपी और बीआरएस ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, राज्य भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
क्या कहा किशन रेड्डी ने?
जी किशन रेड्डी ने कहा, ‘तेलंगाना में 1969 में एक आंदोलन हुआ था, उस्मानिया यूनिवर्सिटी (ओयू) का बहुत महत्व है। उस समय छात्र एक साथ संघर्ष करते थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी, वंदे मातरम का नारा वहीं से आया। ऐसे विश्वविद्यालय में वे विरोध-प्रदर्शनों पर रोक लगा रहे हैं। सीएम ने एक सर्कुलर जारी किया है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इससे कोई भी पीछे नहीं हटेगा। कोई भी इसे रोक नहीं सकता। रेवंत रेड्डी और राहुल गांधी को यह समझना चाहिए।’
VIDEO | Telangana: Reacting to a circular by CM Revanth Reddy prohibiting protests and demonstrations at Osmania University, State BJP Chief G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) says, “In Telangana, there was an agitation in 1969, Osmania University has a lot of importance, then the… pic.twitter.com/Ri0J1XWzlr
— Press Trust of India (@PTI_News) March 16, 2025
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क्यों विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे छात्र?
बता दें कि तेलंगाना के उस्मानिया यूनिवर्सिटी के गोदावरी छात्रावास में हाल ही में छात्रों को भोजन में ब्लेड मिला था। इस घटना के बाद से छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों का आरोप है कि कोई प्रतिक्रिया न मिलने के कारण उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कुलपति और चीफ वार्डन सहित यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की। 11 मार्च की रात को हुई इस घटना के बाद छात्रों ने धरना दिया था। वहीं, अब यूनिवर्सिटी की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है और उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने कैंपस में किसी तरह के धरने पर पाबंदी लगा दी है।
BRS नेता ने साधा निशाना
अब इस मामले में कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता भी कूद पड़े हैं। बीआरएस नेता कृष्णक ने कहा, ‘तेलंगाना में कांग्रेस लोकतांत्रिक सरकार होने का दावा करती है। उनके नेता राहुल गांधी पूरे भारत में लाल संविधान लेकर घूमते हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उस्मानिया यूनिवर्सिटी परिसर में कांग्रेस सरकार ने लोकतांत्रिक विरोध पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि उस्मानिया यूनिवर्सिटी तेलंगाना आंदोलन के लिए विरोध का केंद्र रहा है, जिसने राज्य का दर्जा भी दिलाया। आज कांग्रेस सरकार इतनी असहिष्णु हो गई है कि आलोचना भी नहीं सुन सकती।’
एबीवीपी ने भी लगाए आरोप
वहीं, एबीवीपी के एक नेता ने आरोप लगाया कि छात्रों को परोसे गए भोजन में कीड़े, टूटी चूड़ियों के टुकड़े और धागे मिल चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद ओयू के अधिकारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।