Tatkal Ticket Scam: त्योहारी सीजन में ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करना किसी जंग से कम नहीं है. सुबह 8 बजते ही IRCTC की वेबसाइट ओवरलोडिंग के बाद हैंग होना शुरू कर देती है, इस बीच दलाल कई तरह के बॉट्स का इस्तेमाल कर मात्र 10 से 15 सेकंड में टिकट बुक कर लेते हैं. ई-तत्काल टिकट की चोरी को लेकर अब रेलवे पुलिस फोर्स (RAF) ने बड़े स्कैम का खुलासा किया है. आरएएफ ने जांच में पाया कि कुछ गैंग्स आधुनिक बोट सॉफ्टवेयर जैसे ‘ब्रह्मोस’, ‘टेस्ला’, ‘डॉ. डूम’ और ‘एवेंजर्स’ का इस्तेमाल कर कुछ ही सेकंड में तत्काल टिकट बुक कर लेते हैं. वहीं, आम आदमी जब तक कैप्चा भरता रहता है, तब तक टिकट बुक हो जाती है.
तत्काल टिकट का अचानक गायब हो जाना कोई जादू नहीं है, बल्कि तकनीक से ये स्कैम किया जा रहा है. आरएएफ ने महीनों की जांच के बाद यह पाया कि ई-तत्काल टिकट की चोरी आधुनिक और सुपरफास्ट बॉट सॉफ्टवेयर से की जा रही है, जिनके नाम भी फिल्मी हैं.
दलालों का गैंग कैसे करता है ये काम?
ई-तत्काल टिकट की चोरी आईआरसीटीसी का विंडो खुलने के एक दिन बाद ही शुरू हो जाती है. एक दिन पहले ही दलाल यात्रियों के नाम, उम्र और ट्रेन संबंधी जानकारी ले लेते हैं, जिसे ‘सुपर सेलर’ के पास भेज दिया जाता है. जैसे ही अगले दिन सुबह 8 बजे तत्काल टिकट का ऑनलाइन विंडो खुलता है, वैसे ही बॉट्स एक्टिवेट हो जाते हैं. पहली से बॉट्स पर भरी गई डिटेल्स से यात्रियों की इंफॉर्मेशन टिकट डिटेल्स में एड हो जाती है. इसके बाद अलग-अलग मॉड्यूल से ऑटो-रीड ओटीपी और कैप्चा की समस्या को भी सॉल्व कर दिया जाता है.
एक तरफ जहां नॉर्मल यूजर्स आईआरसीटीसी के एप और वेबसाइट पर डिटेल्स भरता रहता है, इतने में दलाला के ये बॉट्स कुछ सेकंड में ही टिकट बुक कर यात्रियों तक पहुंचा देते हैं. तत्काल टिकट के लिए दलाल यात्रियों से कई गुना अधिक फीस भी चार्ज करते हैं. ये बॉट्स इतने एडवांस है कि NPCI और IRCTC की सुरक्षा को भी भेदकर टिकट की चोरी कर लेते हैं. इसे एक तरह की हैकिंग कहा जाता है, जिससे दलाल ओटीपी ऑटो-रीड और कैप्चा बॉट्स के इस्तेमाल से टिकट की चोरी कर लेते हैं. इस स्कैम से ऐसे गैंस मोटी कमाई भी करते हैं.
कितनी पेमेंट वसूलते हैं दलाल?
RPF ने अपनी जांच में दलालों द्वारा टिकट की चोरी के लिए यात्रियों से वसूल जा रहे पेमेंट का भी खुलासा किया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक दलाल तत्काल टिकट बुक कराने के लिए यात्रियों से प्रति पीएनआर 99 रुपये वसूलते थे, जबकि दलाल स्लीपर क्लास की टिकट के लिए प्रति पीएनआर 2000 रुपये तक बेचते हैं. वहीं, एसी का टिकट 3000 से 4000 रुपये प्रति पीएनआर बिकिता है. इतना ही नहीं त्योहारी सीजन में ये कीमत कई गुना बढ़ जाती है. तत्काल टिकट चोरी के खिलाफ कई कदम उठाए हैं. अब रेलवे ने टिकट बुकिंग के लिए आधार कार्ड वेरिफाई करना अनिवार्य कर दिया है.










