कांग्रेस की प्रवक्ता राष्ट्रीय प्रवक्ता और सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत कभी डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन ग्रेजुएशन करते- करते उनका इरादा बदल गया और उन्होंने पत्रकार बनने का मन बनाया। 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स करने के बाद पत्रकार बनाने की ठानी और साल 2001 में उन्होंने बिजनेस टुडे ग्रुप ज्वाइन किया। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मेरी पत्रकारिता की शुरुआत यहां से हुई। इसके बाद मैंने एनडीटीवी प्रोफिट में काम किया और बाद में टाइम्स ग्रुप में बिजनेस जर्नलिज्म किया। मैंने 18 से 20 साल तक जर्नलिज्म किया, मुझे पत्रकारिता पसंद थी, लेकिन उससे कहीं ज्यादा लोगों की मदद करना और राजनीति पसंद थी। अगर राजनीति के बारे में बात करे तों मैं अपने पिता जी को राजनीति में लोगों की सेवा करते देखती थी। उनको थाना, कोर्ट, जाते और लोगों की मदद करते देखती थी। यहां से मुझे राजनीति में जाने का मन में विचार आया।
राजनीति में आकर मुझे कोई पछतावा नहीं है
सुप्रिया श्रीनेत ने न्यूज 24 के ‘चाय वाला इंटरव्यू’ में कहा कि जर्नलिज्म में मैरा सैलरी पैकेज भी अच्छा था और डेली रुटीन शेड्यूल भी अच्छा था, लेकिन राजनीति में आकर कुछ नया करने का जज्बा था इसलिए राजनीति में आ गई। दूसरी बात यह भी है कि मुझे कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया यह मेरे लिए सोने में सुहागा था। सुप्रिया श्रीनेत ने अपनी ट्रोलिंग पर कहा कि जब कोई भी आदमी किसी घराने से राजनीति में आ सकता है, तो फिर पत्रकार क्यों नहीं राजनीति में आ सकता या आ सकती।
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पीएम मोदी पुलवामा पर वोट मांग रहे थे
पीएम पुलवामा पर वोट मांग रहे थे तह मुझे लगने लगा था कि यह चुनाव थोड़ा कठिन है। मेरे संसदीय क्षेत्र का एक जवान भी पुलवामा में शहीद हुआ था। पुलवामा मामले पर पीएम मोदी खुद वोटस मांग रहे थे। लोकसभा चुनाव में पुलवामा की घटना के बाद स्थितियां बदली थीं।
राहुल गांधी की ओर देश उम्मीद की नजर से देखता है
सुप्रिया श्रीनेत ने अपने इंटरव्यू में कहा कि राहुल गांधी ओर आज देश के लोग उम्मीद की नजर से देखते हैं। उनमें देश हित में नीति निर्माण की क्षमता है। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि राहुल गांधी देश का प्रतिनिधित्व करें।
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