नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कल संसद और राज्य विधानसभाओं के सजायाफ्ता सदस्यों को आजीवन चुनाव लड़ने से रोकने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगा। जानकारी के मुताबिक याचिका में आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए नेताओं (मौजूदा सांसद और विधायक ) के आजीवन चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की गुहार की गई है।
Supreme Court will also hear tomorrow a plea to declare all national and regional political parties "public authorities" to bring them under the ambit of the Right to Information (RTI) Act.
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 5, 2022
याचिका के अनुसार जिस तरह से अपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जनसेवक की सेवा आजीवन खत्म कर दी जाती है उसी तरह का नियम जनप्रतिनिधियों पर भी लागू होना चाहिए। फिलहाल जन प्रतिनिधित्व कानून,1951 के अनुसार दोषी ठहराए गए नेता को छह साल के लिए चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
छह वर्ष की अवधि बीतने के बाद वे फिर चुनाव लड़ने के योग्य हो जाते हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट कल सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में लाने के लिए “सार्वजनिक प्राधिकरण” घोषित करने की याचिका पर भी सुनवाई करेगा।
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