नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रमुखों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा। मामले को 10 दिन बाद सुनवाई के लिए रखा गया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 15 नवंबर, 2021 के अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। बता दें कि इसमें सीबीआई और ईडी प्रमुख की नियुक्ति को नियंत्रित करने वाले केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन किए गए थे। वर्तमान अध्यादेश में सीवीसी अधिनियम की धारा 25 में संशोधन किया गया है। यह ईडी निदेशक की नियुक्ति और कार्यकाल को नियंत्रित करता है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं मोहुआ मोइत्रा और साकेत गोखले द्वारा दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को विस्तार प्रदान करने के लिए संशोधन लाए गए हैं। मिश्रा को नवंबर 2018 में एक निश्चित दो साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था। हालांकि, केंद्र ने उन्हें नवंबर 2021 तक एक साल का विस्तार दिया, जिसे एनजीओ कॉमन कॉज द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
पिछले साल 8 सितंबर को शीर्ष अदालत ने कहा था कि मिश्रा को कोई और विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए और उन्हें विस्तार देने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि हालिया अध्यादेश के तहत सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।