Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता हाईकोर्ट की एक टिप्पणी को लेकर अपनी आपत्ति जताई। हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए किशोरियों को सलाह दी थी कि ‘अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखें और दो मिनट के आनंद के पीछे न भागें।’ इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट) से जुड़े मामले में रिहा किए गए एक व्यक्ति से जुड़े कोलकाता हाईकोर्ट के एक फैसले को पलट दिया।
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अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो एक्ट को लागू करने को लेकर शीर्ष कोर्ट ने अपनी गाइडलाइन दी है। साथ ही यह भी बताया है कि इस तरह के मामलों में जजों को फैसला सुनाते हुए किन बातों का ध्यान रखना है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट की टिप्पणी का स्वतः संज्ञान लेते हुए 8 दिसंबर को कहा था कि जजों को किसी भी केस में कानून और तथ्यों के आधार पर फैसला सुनाना चाहिए। साथ ही कानूनी प्रक्रियाओं में ज्ञान बांटने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार आरोपी को छोड़े जाने को रद्द कर दिया।
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कोलकाता हाईकोर्ट ने 2023 में कहा था कि ‘यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखें, क्योंकि जब वह (स्त्री) दो मिनट के आनंद के पीछे भागती है तो वह समाज की नजरों में गिर जाती है।’ कोलकाता हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए की थी।
कोर्ट ने पाया था कि आरोपी और कथित पीड़िता के बीच सहमति का रिश्ता था, इसी को ध्यान में रखते हुए आरोपी को रिहा कर दिया था।