Srinagar Jammu Kashmir NC leader Omar Abdullah on Ayodhya Ram Mandir: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज 2024 में पहली बार मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसी भी हालत में उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जाएगा क्योंकि वह इसपर राजनीति करने के खिलाफ हैं। जम्मू-कश्मीर में चुनाव के मुद्दे पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम तैयारी कर रहे थे और उसके बाद ही मैं छुट्टी पर चला गया. मैं बस अभी लौटा। मुजफ्फर बेग की पीडीपी में वापसी पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह घर वापसी नहीं है और उन्होंने कभी पार्टी नहीं छोड़ी है।
गैर मुस्लिमों के मदीना मुनव्वरा जाने पर पूछे गए सवाल पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सऊदी सरकार को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि ऐसा कैसे हुआ। बता दें कि स्मृति ईरानी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पवित्र शहर मदीना का दौरा किया, जहां गैर मुस्लिमों को अनुमति नहीं है।
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लोकतंत्र की हत्या की जा रही-अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि यह हमारा बड़ा दुर्भाग्य है कि यहां लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यहां पंचायत, बीडीसी और नगर पालिका के नाम पर हत्या की जाती है। यहां परिसीमन के नाम पर पहले नगर पालिका, फिर पंचायत बीडीसी और अब डीडीसी खत्म किया गया। चुनाव आयोग को शर्म आनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर में चुनाव का आदेश देना पड़ा। विधानसभा चुनाव नहीं होंगे और लोकसभा चुनाव मजबूरी है।
सीटों के बंटवारे पर क्या कहा
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची अभी तैयार नहीं है। हम चाहते हैं कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला लोकसभा के लिए चुने जाएं और अगर वह नहीं माने तो उसके बाद ही उम्मीदवारों की सूची पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें इंडिया गठबंधन में अपनी 6 सीटों पर निर्णय लेने में दस मिनट भी नहीं लगेंगे और जिन राज्यों में सीटें बहुतायत में हैं वहां सीटों के बंटवारे में तेजी लाई जानी चाहिए।
नहीं मिलेगा निमंत्रण-उमर
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राम मंदिर के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिलेगा, जिन्हें निमंत्रण मिलना था उन्हें पहले ही मिल चुका है। उन्होंने पूछा कि क्या मेरा नाम उस सूची में है? उन्होंने कहा कि 26 जनवरी का कार्यक्रम बीजेपी का नहीं बल्कि देश का है और अगर विपक्षी पार्टी शासित राज्यों को इससे बाहर रखा गया है तो इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
मालदीव मुद्दे पर क्या बोले
जम्मू-कश्मीर की बिजली राजस्थान को बेचने के समझौते पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह 40 साल तक बिजली देने के फैसले का विरोध करेंगे और विधानसभा चुनाव होते ही इस फैसले को पलटने के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि पानी हमारा, जमीन हमारी, हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि मालदीव के मंत्रियों की भाषा बहुत गलत थी और हमारे प्रधानमंत्री का अपमान करना गलत है, लेकिन मालदीव को किसके साथ कैसे संबंध रखना चाहिए यह उनका निर्णय है।