Sikkim Cloudburst: सिक्किम को बाढ़ के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि राज्य सरकार के साथ बचाव कार्यों में केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर ही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश में 27 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 2413 लोगों को बचाया गया है। अभी तक बाढ़ के कारण 25065 लोग प्रभावित हुए हैं और 6875 लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है। सीएम ने केंद्र सरकार का अचानक बाढ़ के लिए फंड जारी करने पर धन्यवाद किया है।
सीएम ने कहा कि उनकी गृह राज्य मंत्री अजय कुमार के साथ मीटिंग हुई है। अजय ने विश्वास दिलाया है कि संकट की घड़ी में पीएम मोदी और केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी है। राहत कार्यों में तेजी के लिए एनडीआरएफ की कई टीमें भेजी गई हैं। प्रदेश में हालात सामान्य करने के लिए कामों में तेजी लाई गई है। बीआरओ और सभी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। वहीं, कई जगहों पर बिजली आपूर्ति फिर बहाल की गई है। सिक्किम को केंद्र की ओर से फंड जारी किया गया है।
आईटीबीपी और एनडीआरएफ को अहम जिम्मेदारी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने सीएम तमांग के साथ मीटिंग कर बचाव कार्यों का जायजा लिया है। मिश्रा ने बताया कि सिक्किम अभी काफी आपदा का सामना कर रहा है। पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री लगातार तमांग के संपर्क में हैं। टीमों में कृषि, सड़क, जल और ऊर्जा मंत्रालयों के लोगों को शामिल किया गया है। आईटीबीपी और एनडीआरएफ के अफसरों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एसडीआरएफ के लिए फंड जारी किया है।
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भारतीय सेना सिग्नल कोर ने भी कई इलाकों में संचार व्यवस्था को बहाल किया है। इन इलाकों में उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग, लाचुंग और लाचेन शामिल हैं। जहां पर कई पर्यटक अभी भी फंसे हैं। वहीं, नुकसान के आकलन के लिए भी केंद्र की टीम दौरा करने आ रही है। जिसमें कई मंत्रालयों के लोग शामिल हैं। 3 अक्टूबर से ही आईटीबीपी की टीम फील्ड में काम कर रही है। 175 से अधिक लोगों को बचाया है।
इनमें से 40 लोग बेहद दुर्गम इलाकों में मिले थे। जिनको केबल आदि के जरिए नदियों से निकाला गया है। 6 लोग नदियों के बीच फंसे थे। वहीं, 16 हजार की फीट पर फंसे 68 लोगों को भी बचाया गया है। बाढ़ के कारण 1203 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी 22 राहत शिविर चल रहे हैं। 141 लोग अभी लापता हैं।
बता दें कि सिक्किम हिमालय में ल्होनक ग्लेशियर 3 अक्टूबर को फट गया था। जिसके कारण झील टूट गई और तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई थी। एक अन्य बचाव अभियान उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग में चलाया गया। जिसमें आईटीबीपी के बचाव दल ने रोपवे के माध्यम से 56 नागरिकों (52 पुरुष और 4 महिला) को बचा लिया।
हेल्पलाइन नंबर
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- आईटीबीपी-03592-231340
- एसएसबी-0359 2 -251015
- एसडीआरएफ-03592-220545
- बीआरओ-03592-259208
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