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शुभांशु शुक्ला का स्पेस्क्राफ्ट आज ISS से डॉक करेगा, भारत के लिए कितना जरूरी Axiom-4 मिशन?

Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission: शुभांशु शुक्ल का स्पेसक्राफ्ट आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक करेगा। वहीं इस मिशन को भारत के लिए काफी अहम बताया जा रहा है। इस मिशन पर 14 दिन चारों अंतरिक्ष यात्री कई प्रकार की रिसर्च करेंगे।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jun 26, 2025 08:24
Indian Astronaut | Shubhanshu Shukla | Axiom-4 Mission
शुभांशु शुक्ला 3 एस्ट्रोनॉट के साथ 14 दिन अंतरिक्ष में रहेंगे।

इAxiom-4 Mission Latest Update: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का एक्सियोम-4 मिशन बीते दिन 25 जून दिन बुधवार को लॉन्च हो गया। आज 26 जून को शुभांशु शुक्ला का ड्रैगन स्पेस्क्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक करेगा। करीब 28 घंटे का सफर तय करके स्पेसक्राफ्ट ISS तक पहुंचेगा और करीब साढ़े 4 बजे स्पेस स्टेशन से डॉक करेगा। शुभांशु शुक्ला मिशन के पायलट हैं और उनके साथ 3 अंतरिक्ष यात्री और गए हैं, जिनमें एक मिशन की कमांडर हैं। 2 स्पेस रिसर्च एक्सपर्ट हैं। चारों अंतरिक्ष यात्री 14 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहेंगे। एक्सियोम-4 मिशन बीते दिन 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से ड्रैगन कैप्सूल में चारों एस्ट्रोनॉट प्राइवेट मिशन पर अंतरिक्ष में गए हैं। शुभांश के परिवार ने मिशन की लॉन्चिंग लाइव देखी।

 

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एक्सियोम-4 मिशन भारत के लिए बेहद जरूरी

बता दें कि एक्सियोम-4 मिशन 3 स्पेस एजेंसियों का जॉइंट मिशन है। इस मिशन को अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने मिलकर भेजा है। अमेरिका की एक्सियोम कंपनी ने इस मिशन को तैयार किया है। यह मिशन एक्सियोम कंपनी के कमर्शियल स्पेस स्टेशन की लॉन्चिंग का हिस्सा है। एक्सियोम कंपनी भविष्य में कमर्शियल स्पेस स्टेशन स्थापित करने की तैयारी में है। इस प्राइवेट मिशन से स्पेस ट्रैवल सेक्टर भी अस्तित्व में आएगा।

वहीं शुभांशु शुक्ला का मिशन भारत के लिए बेहद जरूरी है। इस मिशन की सफलता साल 2027 में लॉन्च होने वाले इसरो के गगनगयान मिशन को प्रोत्साहित करेगी। शुभांशु शुक्ला इस मिशन से जो डेटा लेकर आएंगे, उससे इसरो के स्पेस प्रोग्राम को प्रोत्साहन मिलेगा। भारतीय वायुसेन के विंग कमांडर की अंतरिक्ष यात्रा भारतीय युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनेगी। उनमें भी अंतरिक्ष यात्री बनने का जज्बा जागेगा। वे भी सोच पाएंगे कि एयरफोर्स का हिस्सा बनकर वे अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं। यह मिशन युवाओं को स्पेस की दुनिया में आने के लिए प्रेरित करेगा।

यह भी पढ़ें: 14 दिन अंतरिक्ष में भारत के लिए क्या-क्या रिसर्च करेंगे ग्रुप कैप्टन शुभांशु? मिशन में आएगा कितना खर्चा?

ISS में रहकर शुभांशु शुक्ला यह काम करेंगे

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 7 रिसर्च करेंगे। सभी रिसर्च भारतीय शिक्षण संस्थानों द्वारा लीड किए जा रहे हैं। इन 7 रिसर्च के अलाव वे NASA के साथ वैज्ञानिकों के साथ मिलकर 5 और रिसर्च करेंगे। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से शुभांशु शुक्ला प्रधानमंत्री मोदी से बात कर सकते हैं।

First published on: Jun 26, 2025 08:08 AM

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