विकसित भारत–जी राम जी विधेयक पर लोकसभा में हुई लंबी और तीखी बहस के दौरान केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. शिवराज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को चर्चा में घसीटे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि संघ को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जबकि RSS व्यक्ति निर्माण का केंद्र रहा है और देश को चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रनिष्ठ कार्यकर्ताओं की एक लंबी परंपरा दी है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संघ के कार्यकर्ता अपने निजी स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित भाव से कार्य करते हैं. उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के विचारों को पढ़ा और समझा जाना चाहिए, क्योंकि हिंदुत्व किसी प्रकार की संकीर्ण विचारधारा नहीं है, बल्कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना पर आधारित है.
‘कांग्रेस ने गांधी जी के आदर्शों की हत्या की’
लोकसभा में जवाब देते हुए शिवराज ने कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाया कि उसने कभी भी महात्मा गांधी के आदर्शों को ईमानदारी से नहीं अपनाया. उन्होंने कहा कि 1948 में आज़ादी के बाद गांधी जी ने स्पष्ट कहा था कि कांग्रेस का ऐतिहासिक कार्य पूरा हो चुका है और पार्टी को भंग कर लोकसेवक संघ बनाया जाना चाहिए था. लेकिन सत्ता से चिपके रहने की लालसा में नेहरू ने कांग्रेस को भंग नहीं किया और उसी दिन गांधी जी के आदर्शों की हत्या कर दी गई.
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शिवराज ने आगे कहा कि देश का विभाजन स्वीकार करना, कश्मीर को विशेष दर्जा देना, आपातकाल लगाकर संविधान की धज्जियां उड़ाना और दिल्ली में संतों पर गोलियां चलाना-ये सभी घटनाएं गांधी जी के सिद्धांतों के विरुद्ध थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार और घोटालों से देश को डुबोकर कांग्रेस ने बार-बार गांधी जी के आदर्शों को कुचला.
नामकरण की राजनीति पर कांग्रेस को घेरा
शिवराज सिंह चौहान ने नाम बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि नाम रखने की सनक अगर किसी को है, तो वह कांग्रेस है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के नाम पर नहीं, बल्कि नेहरू-गांधी परिवार को महिमामंडित करने के लिए योजनाओं, संस्थानों और सार्वजनिक परिसंपत्तियों के नाम रखे.
उन्होंने लोकसभा में आंकड़े गिनाते हुए बताया कि राज्य सरकारों की 25 योजनाएं राजीव गांधी के नाम पर, 27 योजनाएं इंदिरा गांधी के नाम पर, 86 से अधिक विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान, दर्जनों सड़कें, भवन, पुरस्कार, अस्पताल, स्कॉलरशिप, एयरपोर्ट और यहां तक कि 15 नेशनल पार्क भी नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखे गए. शिवराज ने कहा कि मोदी सरकार का फोकस नामकरण नहीं, बल्कि काम और परिणाम पर है.
‘यह रोजगार और स्थायी विकास की योजना है’
जी राम जी योजना के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए शिवराज ने कहा कि इस योजना में रोजगार की गारंटी भी है और आजीविका को स्थायी रूप से मजबूत करने का लक्ष्य भी. उन्होंने बताया कि अब तक मनरेगा पर आठ से दस लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं और यह आवश्यक हो गया था कि इतनी बड़ी राशि का उपयोग केवल मजदूरी तक सीमित न रहकर स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण में भी किया जाए.
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जल संरक्षण, सिंचाई, तालाब, कुएं, माइक्रो इरिगेशन, वृक्षारोपण, ग्रामीण सड़कें, पंचायत भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी, पुस्तकालय, खेल मैदान, सोलर लाइट, ग्रामीण आवास, जल जीवन मिशन और आजीविका से जुड़े अनेक कार्य किए जाएंगे. महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने ‘लखपति दीदी’ अभियान का भी उल्लेख किया.
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‘बापू योजनाओं में जिंदा हैं, पोस्टरों में नहीं’
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी सरकार ने गांधी जी के आदर्शों को योजनाओं के माध्यम से जीवंत किया है. उन्होंने कहा कि बापू आज प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जन-धन योजना, डीबीटी, मुद्रा योजना और गरीब कल्याण योजनाओं में जिंदा हैं. उन्होंने कहा कि गांधी जी तस्वीरों या भाषणों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उस काम में जिंदा हैं जो अंतिम व्यक्ति तक पहुंचता है.
लोकसभा से पारित, अब राज्यसभा की बारी
शिवराज सिंह चौहान के जवाब के बाद विकसित भारत–जी राम जी बिल को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. विधेयक पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. अब सरकार इसे राज्यसभा से पारित कराने की तैयारी में जुट गई है. सरकार का कहना है कि यह विधेयक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें विकसित गांव को आधार बनाकर आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण की परिकल्पना की गई है.










