Kerala High Court Granted Parole To Ripper Jayanandan: सीरियर किलर ‘रिपर’ जयनंदन को एक बार फिर केरल हाईकोर्ट ने पेरोल दी है। इस बार भी जयनंदन को पेरोल दिलाने के लिए उसकी बेटी ने लड़ाई लड़ी और उसके प्रयासों की अदालत में सराहना भी हुई। हालांकि जेल प्रशासन ने पेरोल का आवेदन अस्वीकार कर दिया था, लेकिन जयनंदन की बेटी ने कोर्ट में याचिका दायर की। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने जयनंदन को पेरोल ग्रांट कर दी और जेल प्रशासन को उसे पेरोल पर छोड़ने के आदेश दिए। इससे पहले भी जयनंदन को पेरोल मिल चुकी है। उसे मार्च 2023 में बेटी की शादी में शामिल होने के लिए पेरोल मिली थी। उसकी 2 बेटियां हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच उसने सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बेटी की शादी में शामिल होकर जिम्मेदारियां निभाई थीं और उसी दिन जेल वापस चला गया था।
Daughter fights for serial killer, secures 2-day parole for him to attend launch of his book
The Kerala high court grants two-day escort parole to ‘Ripper’ Jayanandan, a serial killer, allowing him to attend the launch of his book. Jayanandan, convicted in five murder cases, has… pic.twitter.com/y0MyF5LjON
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9वीं पास होने के बावजूद लिखी किताब
जयनंदन को पेरोल अपनी किताब लॉन्च करने के लिए मिली है। जयनंदन ने जेल में रहते हुए ही यह किताब लिखी है। जयनंदन 9वीं पास है, इसके बावजूद उसने ‘पुलारी विरियम मुनपे’ किताब लिखी है। यह किताब 23 दिसंबर को एर्नाकुलम प्रेस क्लब में रिलीज होगी। इस मौके पर मौजूद रहने की इच्छा जयनंदन ने जताई थी, जिसे पूरा करने के लिए उसकी बेटी ने जान लगा दी और इसी प्रयास की कोर्ट ने सराहना की। जयनंदन ने ऐलान किया है कि उनकी किताब बिकने से होने वाली कमाई स्पेशली चैलेंज्ड बच्चों की भलाई के लिए दान दी जाएगी। वहीं शनिवार को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच जयनंदन बुक लॉन्च इवेंट जॉइन करेगा। इस दौरान कोर्ट के आदेशानुसार न वह किसी बाहरी व्यक्ति से बात कर पाएगा और न ही किसी और कार्यक्रम का हिस्सा बन पाएगा।
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8 मर्डर किए और 2 केसों में दोषी जयनंदन
56 वर्षीय जयनंदन केरल के त्रिशूर और एर्नाकुलम इलाकों में 8 हत्याओं और चोरी के 5 मामलों में दोषी है। उसने यह हत्याएं 2003 से 2008 के बीच की थीं, लेकिन उस पर हत्या के 2 केस दर्ज हैं और चोरी के 15 मामलों में से 8 में वह दोषी ठहराया गया था। इस तरह वह विभिन्न केसों में उम्रकैद की सजा काट रहा है। पिछले 17 साल से जेल में है। इन 17 सालों में वह 3 बार जेल से भाग चुका है। जून 2013 में वह त्रिवेंद्रम की सेंट्रल जेल से भाग गया था, लेकिन सितंबर 2013 में उसे पकड़ लिया गया था। वह कन्नूर की जेल से भी एक बार भाग चुका है। जेल प्रशासन ने उसे यह कहते हुए पेरोल देने से इनकार कर दिया था कि केरल के जेल और सुधार सेवाएं (प्रबंधन) नियम 2014 और IPC की धारा 392 से 402 के तहत सजायाफ्ता व्यक्ति सामान्य छुट्टी और आपातकालीन छुट्टी का हकदार नहीं होता।
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