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Security in India: किन हालातों में और किसे मिलती है Y+ और Z+ सुरक्षा, जानें देश में कितने कैटेगरी की सिक्योरिटी

Security in India: रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी को अब देश के अलावा विदेशों में भी Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी मिलेगी। जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि देश के अलावा विदेशों में भी मुकेश अंबानी परिवार को ये सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए और इसका खर्चा अंबानी परिवार उठाएगा। […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Mar 1, 2023 13:52
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Security in India: रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी को अब देश के अलावा विदेशों में भी Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी मिलेगी। जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि देश के अलावा विदेशों में भी मुकेश अंबानी परिवार को ये सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए और इसका खर्चा अंबानी परिवार उठाएगा। बता दें कि Z+ सिक्योरिटी पर हर महीने 40 से 50 लाख रुपये का खर्च आता है।

देश में राजनेताओं और वीवीआईपी को केंद्र सरकार की ओर से जरूरत पड़ने पर सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&W) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के सुझाव पर केंद्रीय गृह मंत्रालय किसी की सुरक्षा का निर्धारण करता है। खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षा का स्तर बढ़ता और घटता भी है।

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देश में राज्यों के मुख्यमंत्री, कैबिनेट रैंक के मंत्रियों, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस समेत कुछ हस्तियों को ही जेड या फिर जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी मुहैया कराई जाती है।

देश में 6 कैटेगरी की है सुरक्षा व्यवस्था

देश में सुरक्षा घेरा को छह कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें SPG, Z+, Z, Y+, Y और और X कैटेगरी शामिल है। खुफिया विभाग से खतरों की आशंका को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मंत्री, सांसदों, विधायकों, ब्यूरोक्रेट्स, राजनीतिक पार्टी के नेता, इंडस्ट्रियलिस्ट, फिल्म स्टार, जज, क्रिकेटर, पूर्व जज या धार्मिक संस्थान से जुड़े व्यक्ति को ये सुरक्षा मुहैया कराती है।

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  • स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG)

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप कैटेगरी की सुरक्षा सबसे टॉप लेवल की सुरक्षा घेरा है। ये सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री को मिलती है। इस सुरक्षा कैटेगरी में पैरामिलिट्री फोर्स (BSF, CISF, ITBP, CRPF) के जवान शामिल होते हैं। 1985 में इस सुरक्षा कैटेगरी की शुरूआत हुई थी।

  • जेड प्लस कैटेगरी

जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दूसरे नंबर का सुरक्षा घेरा है। इसमें करीब 46 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इन जवानों में से NSG के 10 से अधिक जवान शामिल होते हैं। इसके अलावा इस कैटेगरी में पुलिस, CRPF और ITBP के जवान शामिल होते हैं।

  • जेड कैटेगरी

जेड कैटेगरी में कुल 33 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें से NSG कमांडों की संख्या 4 से 5 होती है। इनके अलावा इसमें CRPF, ITBP के जवान और लोकल पुलिस भी शामिल होती है।

  • वाई प्लस कैटेगरी

वाई प्लस कैटेगरी में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इनमें 2 कमांडो और 2 PSO भी शामिल होते हैं।

  • वाई कैटेगरी

वाई कैटेगरी की सुरक्ष व्यवस्था में भी 8 सुरक्षाकर्मी होते हैं लेकिन इनमें कोई कमांडो नहीं होता। इसमें 2 PSO (निजी सुरक्षा गार्ड) भी होते हैं।

  • एक्स कैटेगरी

एक्स कैटेगरी में 2 से 6 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। इनमें एक PSO (निजी सुरक्षा गार्ड) होता है। इस कैटेगरी की सुरक्षा व्यवस्था देश में काफी लोगों को मिली हुई है।

देशभर में 20 हजार VIP को मिली है सुरक्षा

एक अनुमान के मुताबिक, देश में सभी तरह की सुरक्षा कैटेगरी को मिलाकर लगभग 20 हजार से अधिक VIP और VVIP को सिक्योरिटी दी गई है। देशभर में VIP और VVIP की सुरक्षा में 60 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनके अलावा 30 हजार से ज्यादा गाड़ियों का भी इस्तेमाल हो रहा है।

करीब 20 हजार VIP और VVIP को सिक्योरिटी देने में सालाना 12 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इसमें केवल सुरक्षाकर्मियों की सैलरी और गाड़ियों के पेट्रोल-डीजल का खर्च ही शामिल है। खाना-पीना, रहना, ट्रेवलिंग अलाउंस और कई दूसरी तरह का खर्च अलग होता है। केंद्र एवं राज्य सरकारें इस खर्च को उठाती है।

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Written By

Om Pratap

First published on: Mar 01, 2023 01:52 PM

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