Same-Gender marriage: समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संविधान पीठ को ट्रांसफर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा मौलिक महत्व का है। इस मामले पर संवैधानिक बेंच 18 से सुनवाई करेगी।
केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर किया था विरोध
बता दें कि एक दिन पहले रविवार यानी 12 मार्च को केंद्र सरकार ने इस मसले पर एफिडेविट दाखिल कर समलैंगिक शादी देने की मांग वाली याचिका का विरोध किया था। सरकार ने कहा था कि भारत में परिवार का अर्थ महिला और पुरुष के बीच हुई शादी और उनसे पैदा हुए बच्चे से है।
इस मामले को लेकर हम एक सकारात्मक फैसले की उम्मीद कर रहे हैं। मामले को संविधान पीठ के आगे रखने का निर्देश दिया गया है जिससे हम खुश हैं: निहारिका करंजवाला, वकील, दिल्ली https://t.co/5Otu4g3PJs pic.twitter.com/xxu5vup2y8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2023
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तुषार मेहता ने कहा- समाज प्रभावित होगा
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के फैसले से समाज पूरी तरह प्रभावित होगा। बता दें कि एक समलैंगिक जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की उनकी शादी को मान्यता देने की मांग की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
याचिकाकर्ता की वकील ने जताई खुशी
समलैंगिक जोड़े की वकील निहारिका करंजवाला ने कहा कि इस मसले को लेकर हम सकारात्मक फैसले की उम्मीद कर रहे हैं। मामले को संविधान पीठ के आगे रखने का निर्देश दिया गया है। अदालत के इस कदम से हम खुश हैं।
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