Sabse Bada Sawal, 15 March 2023: नमस्कर.. मैं हूं संदीप चौधरी (Sandeep Chaudhary)। आज के सबसे बड़े सवाल में हम बात करेंगे देश की मौजूदा राजनीति की। इसकी एक झलक… प्रतिबिंब अगर देखना हो तो सबसे माकूल जगह होती है लोकतंत्र का मंदिर, देश की सबसे बड़ी पंचायत… संसद।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज (बुधवार को) तीसरा दिन था। पहले दो दिनों की तरह आज भी हो हो-हल्ला हुआ, हंगामा हुआ। नतीजा सत्र स्थगित कर दिया गया। अब क्या हो रहा है संसद में? विपक्ष अडानी मामले में जांच की मांग पर अड़ा हुआ है। वह जेपीसी बनाने की मांग पर अड़ा हुआ है, कि एक संयुक्त संसदीय समिति इस मामले की जांच करे।
सत्ता पक्ष का तर्क: राहुल ने देश को बदनाम किया
उधर सत्ता पक्ष कह रहा है कि राहुल गांधी ने देश को जो बदनाम किया, देश की साख पर जो बट्टा लगाया और साथ ही साथ ही प्रजातंत्र को जर्जर, बंधक, कमजोर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, उसकी स्थिति को बताते हुए उस पर माफी मांगें। भूल गए 1975 के दिन। वो आपातकाल। यहां पर आरोप ये लगाए जा रहे हैं कि नहीं जी देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं। एजेंसियां विपक्ष के पीछे ही भाग रही हैं। और कार्रवाई नहीं हो रही।
अडानी समूह पर कार्रवाई क्यों नहीं?
आज विपक्ष के 18 दल वो कांग्रेस के राष्ट्रीय मल्लिकार्जुन खरगे के साथ एक बैठक में उनके घर पर मिले। विपक्ष ने तय किया कि ईडी की कार्रवाई होनी चाहिए। अडानी समूह के खिलाफ। क्यों नहीं हो रही है? ये तब है जब विपक्ष के नेताओं के खिलाफ ईडी कार्रवाई में तेजी आती दिख रही है। उसमें आप पार्टी के मनीष सिसोदिया हों, लालू यादव, राबड़ी यादव, उनकी बेटियां के यहां सर्वे, छापेमारी। लालू यादव को जमानत मिल गई है। लेकिन आरोप मुक्त नहीं हुए हैं। पर ये कार्रवाई अडानी समूह पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
18 दलों के नेताओं ने लिखी चिट्ठी
एक चिट्ठी लिखी गई, जिस पर 18 दलों के नेताओं के साइन थे। प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके मिश्रा को एक ऑफिशियल चिट्ठी लिखी गई। कहा गया कि एक औपचारिक शिकायत दर्ज करा रहे हैं। इसमें आरोप लगाया कि अडानी ने 38 शेल कंपनियां बनाईं। इनके जरिए वे लगातार अपनी कंपनियों के शेयर के दाम वे लगातार बढ़ाने की कोशिश करते रहे। कंपनियों की वित्तीय हालत की भ्रामक तस्वीर पेश की जा रही थी।
38 कंपनियां तो मॉरिशश में हैं। इसमें मालिकाना हक उनके भाई विनोद अडानी और उनके करीबियों का है। कईअन्य देशों में भी कंपनियों का जिक्र है। इसमें आप पैसे नहीं लगा सकते हैं। दूरी बनाकर रखनी होती है। 25 फीसदी शेयर आम लोगों के लिए छोड़ना होता है। लेकिन 25 फीसदी से ज्यादा शेयर अडानी के करीबियों का है।
तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि संसद में कब तक होगा राहुल Vs अडानी? लड़ाई भ्रष्टाचार से या जांच एजेंसी से? देखिए पूरा वीडियो
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