Sabse Bada Sawal, 26 March 2023: नमस्कार। मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल संडे स्पेशल में बात करूंगा जो पिछले हफ्ते हुआ, उस बड़े घटनाक्रम की। राजनीति के बारें में एक पुरानी कहावत है, A night is long time in Politics। राजनीति में एक रात भी बहुत लंबी हो जाती है। एक रात में बहुत कुछ बदल जाता है। इस हफ्ते जो कुछ हुआ, उसने राजनीतिक हलके में बहुत उथल पुथल मचाया है।
बात शुरू होती है 23 मार्च से। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा हुई। कर्नाटक के कोलार में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी। उनकी जुबान फिसली थी। वो सब आप जानते हैं। ये नहीं कहना चाहिए था राहुल गांधी को। लेकिन जिस मानहानि केस में उन्हें धारा 499 और धारा 500 के तहत दो साल की सजा हुई। उस केस में अधिकतम सजा दो साल की ही है। न्यूनतम का कोई जिक्र नहीं है। तो क्या ये इतना बड़ा अपराध था कि दो साल की सजा दे दी जए। एक या दो दिन नहीं हो सकती थी।
राहुल के करियर पर उठेंगे सवाल?
जनप्रतिनधि कानून कहता है कि दो साल की सजा हो जाए तो आप चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इसी वजह से 24 मार्च को लोकसभा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हालांकि अपील का दरवाजा खुला है। लेकिन वो स्टे होता या नहीं होता है या राहुल गांधी के राजनीतिक करियर पर भी सवाल खड़े हो जाएंगे।
भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
उधर, भाजपा दुहाई दे रही है कि इसमें सरकार का क्या मतलब? सजा हुई तो सदस्यता जानी थी। आप तो यह कहते थे दुर्भाग्यवश मैं एक सांसद हूं। कांग्रेस का पलटवार ये है कि अडानी मामले में बचने के लिए सरकार ऐसा कर रही है। आज कांग्रेस ने एक संकल्प सत्याग्रह भी बापू की समाधि राजघाट पर किया।
भाजपा चाहती है कि विपक्ष एक जुट हो जाए, लेकिन चेहरा राहुल गांधी रहें? कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों को आगे करना होगा? मोदी सरनेम का अपमान क्या ओबीसी का अपमान है? देखिए बड़ी बहस…
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