---विज्ञापन---

भारत के लिए क्यों अहम है लाल सागर? 80% व्यापार इस रूट से, अब 5 वाॅरशिप तैनात कर जहाजों को दे रहा सुरक्षा

Red Sea Importance for India: अरब सागर से गुजरने वाले भारतीय जहाजों पर हमले के बाद इंडियन नेवी ने अपने 5 वाॅरशिप को तैनात किया है। आइये जानते हैं भारत के लिए क्यों अहम है ये शिपिंग रूट?

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Feb 19, 2024 20:22
Share :
Red Sea Importance for India
Red Sea Importance for India

Red Sea Importance for India: भारतीय नौसेना ने हूती विद्रोहियों के हमलों से जहाजों को बचाने के लिए 5 वाॅरशिप लाल सागर से लेकर अरब सागर तक तैनात किए हैं। अब तक 2 भारतीय जहाजों पर हूतो विद्रोहियों ने बैलेस्टिक मिसाइलों के जरिए हमले किए हैं। नेवी के सर्विलांस एयरक्राफ्ट लगातार इलाके की निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा वाॅरशिप पर तैनात मरीन कमांडो जहाज को रोककर रेंडम चेकिंग भी कर रहे हैं। आइये जानते हैं भारत के लिए लाल सागर में बनी स्वेज नहर इतनी अहम क्यों हैं?

यह भी पढ़ेंः Hit and Run: ट्रक ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन से पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें, कई राज्यों में काट रहे बवाल

जानकारी के अनुसार दुनियाभर का 80 फीसदी व्यापार स्वेज नहर के जरिए होता है। वहीं भारत का 80 फीसदी क्रूड ऑयल फारस की खाड़ी के रास्ते भारत आता है। यह रूट इसलिए भी अहम है क्योंकि अगर भारत इसके वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल करता है तो शिपमेंट और खर्च 10 गुना तक बढ़ जाता है। वहीं समय भी 10 दिन ज्यादा लगता है। इस रूट की लंबाई 21853 किमी. है।

इसकी तुलना में स्वेज नहर वाले रूट की लंबाई में 26 दिन लगते हैं वहीं इस रूट की लंबाई 15742 किमी. है। ऐसे में भारत की चिंताएं बढ़ना लाजिमी है। व्यापार के जानकारों की मानें तो भारत का 20 अरब रुपए से अधिक का सामान इसी रूट से आता जाता है।

भारत ने बनाया शिप काॅरिडोर

भारत ने हूती के विद्रोहियों से अपने जहाजों को बचाने के लिए आईएनएस कोच्चि, आईएनएस विशाखापट्टनम, आईएनएस चेन्नई, आईएनएस कोलकाता और आईएनएस मोर्मुगाओ को तैनात किया है। इसके अलावा एक डोर्नियर विमान भी तैनात किया है। नेवी से रिटायर्ड कैप्टन डीके शर्मा ने बताया कि हमलावर कहां से हमला करेंगे इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है।

यह भी पढ़ेंः अमेरिका ने सिखाया सबक, US शिप पर हमला करने वाले हूती विद्रोहियों के 3 जहाज लाल सागर में डुबोये

पिछले दिनों अरब सागर में हमारे जहाज पर हमला हुआ तो वह ईरान की ओर से किया गया था। लाल सागर के एक मुहाने पर सोमालिया नामक देश है तो वहीं दूसरी ओर यमन है। ऐसे में दोनों ओर के खतरे को देखते हुए भारत ने इन जहाजों की तैनाती की है।

इजराइल के मित्र देशों को निशाना बना रहे हूती

जेएनयू के प्रोफेसर अरुण कुमार ने बताया कि इजराइल के मित्र देशों पर लगातार हो रहे हमलों के कारण शिप के मालिक देश उन्हें दक्षिण अफ्रीका की ओर यानी केप ऑफ गुड होप की ओर से आगे बढ़ रहे हैं। इससे इनकी दूरी करीब 40 पर्सेंट बढ़ गई है। दूरी बढ़ने का असर शिपमेंट पर भी होगा इससे सामान महंगा हो जाएगा। गाजा पर हमले के बाद इस्लामिक देशों में इजराइल को लेकर नाराजगी बढ़ गई है इसलिए इजराइल की ओर से आने वाले हर एक जहाज को वे दुश्मन की तरह देख रहे हैं। वहीं ईरान उसकी अगुवाई कर रहा है।

यह भी पढ़ेंः कितना अहम है भारत और यूएई का संयुक्त सैन्य अभ्यास Desert Cyclone? 2 जनवरी से राजस्थान में होगी शुरुआत

(https://theshabazzcenter.org/)

First published on: Jan 02, 2024 12:58 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें