Flight Delay reasons in hindi: उत्तर भारत में कोहरे के चलते रोजाना बड़ी संख्या में उड़ानें देरी से चल रही हैं। अकेले दिल्ली एयरपोर्ट से यह संख्या 100 से ज्यादा है। आखिर ऐसा क्या है जो कोहरे में उड़ानों की रफ्तार थाम देता है। जबकि हाल ही में एविएशन कंट्रोल अथॉरिटी नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) ने हवाईअड्डों पर CAT 3B लागू करने और उड़ानों का सुचारू रूप से संचालन करने के निर्देश दिए हैं।
सभी एयरपोर्ट पर CAT 3B नहीं है
पहले तो समझिए यह CAT 3B है क्या। दरअसल, CAT 3B इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) रनवे पर लगी एक तकनीक है। यह एक तरह का गाइडंस सिस्टम है, जिसमें रेडियो सिग्नलों और हाई क्वालिटी लाइट्स के जरिए फ्लाइट को उतरने में मदद की जाती है। यह सिस्टम ऑटो मोड में तब काम में लाया जाता है जब कोहरे या अन्य किसी कारण से रनवे पर द्श्यता 200 मीटर से कम होती है। 50 मीटर से कम में यह काम नहीं करता है। दिल्ली में तीन में से केवल दो रनवे पर यह तकनीक है। ऐसे ही सभी एयरपोर्ट पर यह प्रणाली नहीं है।
इंडिया में केवल इन एयरपोर्ट पर CAT 3B तकनीक
- दिल्ली एयरपोर्ट
- अमृतसर
- जयपुर
- लखनऊ
- कोलकाता
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— Delhi Airport (@DelhiAirport) January 16, 2024
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सभी पायलट प्रशिक्षित नहीं
अव्वल तो सभी हवाईअड्डों पर CAT 3B रनवे नहीं हैं इसके अलावा जिस समय इसका यूज किया जा रहा हो उस समय फ्लाइट में इसे लेकर प्रशिक्षत पायलट होना अनिवार्य है। एक रिपोर्ट के अनुसार इंडिया में वर्तमान में 4804 पायलट हैं जिसमें तकरीबन 2979 कैप्टन और 1825 को पायलट कोहरे में उतरने के लिए प्रशिक्षित हैं। ऐसे में जब कभी यह लागू हो तो प्रशिक्षत पायलट न होने पर उड़ान आसपास के राज्यों में डायवर्ट की जाती है।
उड़ान में देरी होने के यह भी हैं कुछ कारण
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल से विमान को हैंगर (पार्किंग) से रनवे तक ले जाने की परमिशन मिलने में देरी
- एक बार फ्लाइट लेट होने पर उसके पीछे पेंडिंग उड़ानों की कतार लग जाती है
- चेकइन से विमान में बैठने तक की प्रक्रिया में देरी होना
- कई बार क्रू मेंबर दूसरी फ्लाइट से आते हैं (ड्यूटी) जिन्हें आने में देरी होती है।
- तकनीकी कारण, पायलट विमान की आवाज या अन्य तकनीकी सिग्नल न मिलने पर उड़ान से पहले सेफ्टी सुनिश्चित करता है