Bangalore blast update: बेंगलुरु का रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के बाद 9 मार्च से आम लोगों के लिए फिर से खुलने जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो सामने आए हैं। नेटिजंस इन्हें लाइक और शेयर कर प्रबंधकों का हौसला बढ़ते दिख रहे हैं। इसके अलावा मामले की जांच NIA को सौंपे जाने के बाद शुक्रवार को केस में पहली बार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर शक की सुई गहराई है। बता दें पीएफआई एक प्रतिबंधित संगठन है। जिसके कथित सदस्य दिल्ली दंगों समेत अन्य कई मामलों में लिप्त रहे हैं।
#WATCH | Karnataka: After a low-intensity explosion hit Bengaluru's Rameshwaram Cafe on March 1, it is set to re-open its doors to visitors tomorrow, March 9. pic.twitter.com/m2TphSVAKD
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 8, 2024
रेनोवेशन के बाद सुंदर बनाया गया
घटना के आठ दिन बाद कैफे खुलने जा रहा है। इससे पहले शुक्रवार को कैफे में पूजा-अर्चना की गई। महाशिवरात्रि के दिन उसे फूल मालाओं से किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था। जानकारी के अनुसार धमाके में कैफे का काफी नुकसान हुआ था। अब रेनोवेशन का काम पूरा हो गया है, जिसके बाद कल (9 मार्च) से उसे दोबारा से लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। बता दें कि 1 मार्च को ब्रुकफील्ड के रामेश्वरम कैफे में जोरदार विस्फोट हुआ था। जिसमें करीब 10 लोग घायल हुए थे।
खुफिया एजेंसी को पीएफआई पर शक
NIA को शक है कि ब्लास्ट में पीएफआई का हाथ है। खुफिया एजेंसी ने इस मामले में तेलंगाना से अब्दुल सलीम को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि सलीम पीएफआई का स्लीपर सेल का मेंबर है। जांच एजेंसी अब उससे पूछताछ कर मामले के तार जोड़ रही है। बता दें इससे पहले एजेंसी ने एक संदिग्ध आरोपी का फोटो जारी कर उस पर 10 लाख का इनाम घोषित किया था।
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लगा था बैन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट (SIMI) पर बैन के बाद देश में पीएफआई तेजी के साथ बढ़ा था। बताया जाता है कि साउथ के नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, मनिथा नीति पसराई और कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी इन तीन संगठनों को मिलाकर 17 फरवरी 2007 को पीएफआई बनाया गया था। इसके बाद पीएफआई पर देश विरोधी काम करने के आरोप लगे, जिसके बाद मार्च 2018 में केंद्र सरकार ने इस पर बैन लगाया था।