Rajouri Encounter Update: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के बाजीमाल इलाके के धर्मसाल में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच 24 घंटो तक चली मुठभेड़ खत्म हो गई। इस मुठभेड़ में भारतीय जवानों ने लश्कर-ए-तैयबा के 2 खूंखार आतंकी को मार गिराया। लेकिन आतंकियों के साथ इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के 2 कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हो गए। आतंकियों के साथ मुताबले में अपनी जान न्योछावर करने वाले पांचों जवानों को सेना ने पूरे सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी।
Picture of Paratrooper Sachin Laur, who made the supreme sacrifice during the Rajouri encounter in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/cXrOwhOJfD
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आर्मी अस्पताल में शहीदों को श्रद्धांजलि
आतंकियों से मुकाबला करते-करते शहीद हुए पांचों जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना ने राजौरी के आर्मी जनरल अस्पताल में पुष्पांजलि समारोह रखा। इस में जनरल ऑफिसर कमांडिंग रोमियो फोर्स के साथ-साथ कई आर्मी अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने पांचों जवानों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनके वीरगति को प्राप्त हुए भारतीय जवानों के पार्थीव शरीर को उनके घर भेज दिया गया।
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#RajouriEncounter घर भेजे गए पांचों शहीदों के पार्थिव शरीर, #JammuKashmir के आर्मी अस्पताल में श्रद्धांजलि समारोह #IndianArmy pic.twitter.com/ddwx91NxkA
— Khushbu Goyal (@kgoyal466) November 24, 2023
मुठभेड़ में शहीद जवानों की पहचान
राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद होने वाले जवानों की पहचान कर्नाटक के मंगलोर के निवासी कैप्टन एम वी प्रांजल (63 राष्ट्रीय राइफल्स), उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले कैप्टन शुभम गुप्ता (9 पैरा), जम्मू-कश्मीर के पुंछ के निवासी हवलदार अब्दुल माजिद, उत्तराखंड के नैनीताल रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पैराट्रूपर सचिन लौर के रूप में हुई हैं।
हथियार गोला बारूद बरामद
24 घंटो तक चलने वाली मुठभेड़ के बाद पूछ के कलसिया में सुरक्षा बलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी, यहां उन्होने भारी तादाद में हथियार गोला बारूद बरामद किया गया है।
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हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली
बता दें कि भारतीय सेना ने 17 नवंबर को कुलगाम और राजौरी में 2 अलग-अलग एनकाउंटर किए थे, जिसमें 6 आतंकी मारे गए थे। पहला एनकाउंटर 16 नवंबर को शुरू हुआ था, जिसमें 5 आतंकी मारे गए थे। दूसरा एनकाउंटर राजौरी में हुआ, जिसमें एक आतंकी मारा गया था। इससे पहले अक्टूबर में श्रीनगर के ईदगाह इलाके में एक आतंकी को पुलिस इंस्पेक्टर ने 3 गोलियां मारी थीं। मृतक इंस्पेक्टर मसरूर अली वाली था। हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली थी।