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सांसद राघव चड्ढा की मुहिम का असर, सरकार अब एयरपोर्ट्स पर शुरू करेगी यात्रियों के लिए सस्ती कैंटीन

राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था एयरपोर्ट्स पर महंगे खानपान का मुद्दा, जिसके बाद सरकार ने 'उड़ान यात्री कैफे' शुरू करने की योजना बनाई है।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Dec 22, 2024 17:23
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Raghav Chadha
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Raghav Chadha: देश के सभी एयरपोर्ट्स पर महंगे खानपान का मुद्दा लंबे समय से यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। संसद के बीते शीतकालीन सत्र में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाते हुए एयरपोर्ट्स पर महंगे दामों पर मिलने वाले पानी, चाय और स्नैक्स की समस्या को उजागर किया था। उनके इस प्रयास का नतीजा ये हुआ कि अब सरकार ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए ‘उड़ान यात्री कैफे’ शुरू करने की योजना बनाई है।

इसकी शुरुआत कोलकाता एयरपोर्ट से की जाएगी, जहां सस्ती दरों पर खानपान उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसकी घोषणा की है, हालांकि यह एक पायलट प्रोजेक्ट होगा, जिसे बाद में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के अन्य हवाई अड्डों पर भी लागू किया जाएगा। इस कैफे में पानी की बोतल, चाय, कॉफी और स्नैक्स वाजिब दामों पर उपलब्ध होंगे, जिससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।

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सस्ती सुविधाओं की जरूरत पर जोर

सांसद राघव चड्ढा ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा इसे एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि आखिरकार सरकार ने आम जनता की पुकार सुन ली। भले ही शुरुआत कोलकाता एयरपोर्ट से हुई है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इसे जल्द ही देश के बाकी एयरपोर्ट्स पर भी लागू किया जाएगा। जिसके बाद हवाई यात्रा करने वाले हमारे देश के नागरिकों को एयरपोर्ट्स पर पानी, चाय या कॉफी के लिए 100-250 रुपये तक खर्च नहीं करने पड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह आम यात्रियों के लिए असुविधाजनक है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों को उचित कीमत पर बेहतर सुविधाएं मिलें।

संसद में उठाया था मुद्दा

संसद में एयरपोर्ट्स पर महंगे खानपान का मुद्दा उठाते हुए सांसद राघव चड्ढा ने कहा था कि देश के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को अत्यधिक महंगे खानपान और खराब प्रबंधन के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एयरपोर्ट्स पर पानी की बोतल 100 रुपये की मिल रही है। एक कप चाय के लिए भी 200-250 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। क्या सरकार एयरपोर्ट्स पर सस्ते और उचित मूल्य की कैंटीन शुरू नहीं कर सकती? उन्होंने कहा था, हमारे एयरपोर्ट्स की हालत अब बस अड्डों से भी बदतर हो गई है। लंबी कतारें, भीड़भाड़ और अव्यवस्थित प्रबंधन के कारण यात्रियों को अपनी यात्रा की शुरुआत में ही निराशा होती है।

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उनके इस भाषण को लोगों से मिली थी वाहवाही

सांसद राघव चड्ढा ने जब ससंद में आम आदमी की इस आवाज को पुरजोर से उठाया था, तो सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी इस पहल काफी सराहना की थी औऱ इसे आम जनता के दिल की आवाज बताया था। उनके भाषण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। यहां तक कि लद्दाख में चीन सीमा से सटे चुशुल के काउंसलर कोंचोक स्टेनजिन ने भी उनकी बात का समर्थन करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा था, लद्दाखियों को महंगे टिकट को लेकर बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, खासकर सर्दियों के दौरान जब हम बाकी लोगों से कटे रहते हैं। हवाई संपर्क ही हमारा एकमात्र विकल्प है, फिर भी किफायती किराया एक दूर का सपना बना हुआ है।

“बाटा के जूते पहनने वाला भी नहीं कर सकता हवाई यात्रा”

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पर चर्चा करते हुए कहा था कि सरकार ने वादा किया था कि हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में यात्रा करवाएंगे, लेकिन हो रहा है इसका उल्टा। आज हवाई चप्पल तो छोड़िए, बाटा के जूते पहनने वाला भी हवाई यात्रा का खर्चा नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा था, सिर्फ एक साल के भीतर हवाई यात्रा के किरायों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम जनता पर बोझ बढ़ा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली से मुंबई और पटना जैसे सामान्य रूट्स पर टिकटों की कीमतें 10,000 से 14,500 रुपये तक पहुंच गई हैं। वहीं, उन्होंने मालदीव का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार एक तरफ को मालदीव की बजाय लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर प्रचारित कर रही है, लेकिन मालदीव का किराया 17 हजार रुपये है, तो वहीं लक्षद्वीप का किराया 25 हजार रुपये है।

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Edited By

Amit Kasana

First published on: Dec 22, 2024 05:23 PM

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