Pushpa 2 Red Sandalwood Smuggling: पुष्पा 2 फिल्म इन दिनों सिनेमाघरों में धूम मचाए हुए है। अल्लू अर्जुन की फिल्म हिंदी बॉक्स ऑफिस की सबसे बड़ी फिल्म बन गई है। फिल्म की कहानी लाल चंदन की तस्करी के इर्द-गिर्द बुनी हुई है। जिसे ‘पुष्पा’ से जुड़ा सिंडीकेट चलाता है। लाल चंदन की तस्करी के लिए पुष्पा मर-मिटने के लिए तैयार रहता है। आखिर लाल चंदन में ऐसा क्या है, इसकी एक किलो की कीमत कितनी है और ये कारोबार कितना बड़ा है, आइए जानते हैं…
लाल चंदन में खुशबू नहीं होती
खास बात यह है कि लाल चंदन में सफेद या पीले चंदन की तरह खुशबू नहीं होती। हालांकि इसे ताजा काटकर रेत पर घिसने से हल्की गंध देती है। फिर भी इसकी कीमतें आसमान छूती नजर आती हैं। आंध्र प्रदेश के तिरुपति और कडप्पा की पहाड़ियों में फैले शेषाचलम जंगल के लाल चंदन को सोने जितना महंगा माना जाता है। इस लकड़ी की डिमांड विदेशों में है। आपने फिल्म में भी देखा होगा कि पुष्पा इस चंदन की तस्करी के लिए इंटरनेशनल मार्केट में जाना चाहता है।
This is how the world’s most expensive wood is prepared for art, crafts, and woodwork using red sandalwood. pic.twitter.com/WmwSv6fAxk
— Jean Claude NIYOMUGABO (@jcniyomugabo) October 7, 2024
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निर्यात पर है बैन
बताया जाता है कि पहले इस लकड़ी को चीन के अलावा जापान, सिंगापुर और यूएई में भेजा जाता था। हालांकि विदेश व्यापार नीति के अनुसार भारत से लाल चंदन का निर्यात प्रतिबंधित है, लेकिन विदेश में हाई डिमांड के कारण इसकी तस्करी होती है। लाल चंदन की लकड़ी सौंदर्य प्रसाधन, पारंपरिक औषधीय उत्पादों और हाई क्वालिटी के फर्नीचर और हैंडीक्राफ्ट आदि में उपयोग किया जाता है। डिमांड बढ़ने के साथ ही लाल चंदन के घटते पेड़ भी चिंता का विषय बन गए हैं। बताया जाता है कि पिछले कुछ साल में लाल चंदन के पेड़ों की संख्या लगभग 50 प्रतिशत तक कम हो गई है।
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कितनी होती है कीमत?
लाल चंदन का पेड़ लगभग 20-25 साल में तैयार होता है। लाल चंदन की लकड़ी की कीमत की बात करें तो यह भारतीय बाजार में लगभग 20-25 हजार रुपये प्रति किलो है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2016 से लेकर 2020 तक भारत से लगभग 20,000 टन लाल चंदन की तस्करी की गई। हाल ही में चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर पुलिस ने गुंटूर के पास रेड सैंडर्स की लकड़ियां बरामद कीं, जिनकी कीमत 3.5 करोड़ रुपये थी।
इस तरह तस्कर करते हैं तस्करी
तस्कर इसकी तस्करी करने के लिए नए-नए तरीके आजमाते हैं। कभी टाइल्स के नीचे तो कभी A4 साइज के पेपर के नीचे तो कभी पानी के अंदर से इसकी तस्करी की जाती रही है। हाल ही में पुलिस ने तस्करी के आरोप में तमिलनाडु से दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। खास बात यह है कि लकड़ियां एक ट्रक में A4 सफेद कागज की शीट्स के पैक के नीचे छिपाई गई थीं।
#RedSandalwood #Smuggling like #Pushpa movie
In a major inter-state crackdown, #AndhraPradesh Red Sanders Anti-Smuggling Task Force (#RSASTF) went far to #Patan in #Gujarat and seized nearly 155 #RedSandal logs weighing around 4.5 tons, worth approx ₹5 crore, smuggled from… pic.twitter.com/gApbnun5sL
— Surya Reddy (@jsuryareddy) December 17, 2024
वहीं पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान पुलिस ने लाल चंदन की तस्करी करने वाले कुछ तस्करों को पकड़ा था। जिनसे करीब 3800 दुर्लभ अवैध लाल चंदन की लकड़ी के 144 नग बरामद किए गए। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 12 करोड़ रुपये थी।
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महाराष्ट्र में हुआ था बड़ा खुलासा
इसी तरह महाराष्ट्र में भी लाल चंदन की तस्करी का खुलासा हुआ था। जिसमें पॉलिश किए गए ग्रेनाइट स्लैब और सीमेंट ईंटों के पीछे 6 टन लाल चंदन छिपाया गया था। इसके बाद नासिक के एक गोदाम में तलाशी ली गई, जिसमें दो मीट्रिक टन लाल चंदन जब्त किया गया। एजेंसी ने इस मामले में निर्यातक, कमीशन ब्रोकर, गोदाम प्रबंधक और ट्रांसपोर्टर सहित पांच सिंडिकेट सदस्यों को पकड़ा था।
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