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‘सिर्फ गिनती से नहीं होगा बदलाव’, जाति जनगणना पर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान

जाति जनगणना पर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ गिनती करने से कुछ नहीं होगा, असली बदलाव तब आएगा जब सरकार इन आंकड़ों पर ईमानदारी से काम करेगी और जनता भी जवाब मांगे।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Apr 30, 2025 19:59
Prashant Kishor, Bihar Election 2025।
प्रशांत किशोर को सीएम नीतीश के गांव कल्याण बिगहा में जाने की नहीं मिली इजाजत। (फाइल फोटो)

सौरभ कुमार

केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना को मंजूरी देने के फैसले पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि समाज की सही तस्वीर सामने लाने के लिए किसी भी प्रकार की गणना अच्छी बात है, लेकिन सिर्फ आंकड़े जुटाने से कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला। उन्होंने साफ किया कि जब तक सरकार उन आंकड़ों के आधार पर ठोस काम नहीं करेगी, तब तक इसका कोई खास असर नहीं होगा।

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गणना के नतीजों पर काम जरूरी

प्रशांत किशोर ने कहा कि “गणना एक शुरुआत है, लेकिन इसका उद्देश्य तब ही पूरा होगा जब इसके नतीजों पर गंभीरता से काम किया जाए।” उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बिहार में जाति जनगणना के बाद गरीब परिवारों को रोजगार के लिए दो लाख रुपये देने की घोषणा हुई थी, लेकिन आज तक किसी को वह मदद नहीं मिली। उन्होंने यह भी कहा कि “सिर्फ किताब खरीद लेने से आप विद्वान नहीं बन सकते, जब तक आप उसे पढ़कर समझें नहीं।” इसी तरह जाति गणना भी तभी सार्थक होगी जब उस पर सही दिशा में काम हो।

जाति आंकड़ों का सही उपयोग जरूरी

प्रशांत किशोर ने सरकारों को सलाह दी कि जाति आंकड़ों को सिर्फ राजनीति के लिए इस्तेमाल न किया जाए, बल्कि उन्हें समाज के विकास के लिए एक योजना की तरह देखा जाए। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए योजनाएं बनाना जरूरी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “गणना से यह पता चलता है कि समाज में कौन पीछे है और किन्हें ज्यादा मदद की जरूरत है, लेकिन यह जानकारी तब तक बेकार है जब तक उस पर कार्रवाई न हो।”

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जनता भी सरकार से जवाबदेही मांगे

उन्होंने यह भी कहा कि जाति जनगणना से अगर सही नीयत और योजना के साथ काम किया जाए तो देश में शिक्षा, रोजगार और सामाजिक विकास को नई दिशा दी जा सकती है। लेकिन अगर यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति तक सीमित रह गई, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा। प्रशांत किशोर ने आम जनता से भी अपील की कि वे आंकड़ों की समझ बढ़ाएं और सरकार से उसके वादों पर जवाबदेही मांगें।

First published on: Apr 30, 2025 07:50 PM

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