One Nation One Fertilizer Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर स्कीम’ का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि आज एक ऐसा अवसर है कि इस एक ही परिसर में, एक ही मंच पर स्टार्टअप्स भी हैं और देश के लाखों किसान भी हैं।
पीएम ने कहा कि एक प्रकार से इस समारोह में ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’ मंत्र का जीवंत स्वरूप हमें नजर आ रहा है। आज इस महत्वपूर्ण मंच से किसानों के जीवन को और आसान बनाने, किसानों को और अधिक समृद्ध बनाने और हमारी कृषि व्यवस्थाओं को और आधुनिक बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
16,000 करोड़ रुपये की एक और किस्त किसानों के खाते में जमा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में 600 से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत हो रही है। किसान समृद्धि केंद्र किसान के लिए सिर्फ उर्वरक खरीद और बिक्री का केंद्र नहीं है, ये एक संपूर्ण रूप से किसान के साथ घनिष्ट नाता जोड़ने वाला, उसकी हर आवश्यकता में मदद करने वाला केंद्र है। आज देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 16,000 करोड़ रुपये की एक और किस्त उनके खातों में जमा हो गई है।
"2014 से पहले यूरिया की कालाबाजारी होती थी, किसानों का हक छीना जाता था"
◆ PM किसान सम्मान सम्मेलन में PM मोदी। @narendramodi pic.twitter.com/SF7eTSNpRW
— News24 (@news24tvchannel) October 17, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि आज ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ के रूप में किसानों को सस्ती और क्वालिटी खाद भारत ब्रांड के तहत उपलब्ध कराने की योजना भी शुरू हुई है। हमने यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग करके उसकी कालाबाजारी रुकवाई। हमने बरसों से बंद पड़े देश के छह सबसे बड़े यूरिया कारखानों को फिर से शुरू करने के लिए मेहनत की।
भारत तेजी से लिक्विड नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर के लिए भारत अब तेजी से लिक्विड नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है। नैनो यूरिया, कम खर्च में अधिक प्रोडक्शन का माध्यम है। जिसको एक बोरी यूरिया की जरूरत लगती है वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी सी बॉटल से हो जाता है। ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कमाल है।
उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर सेक्टर में रिफॉर्म के हमारे अब तक के प्रयासों में आज दो और प्रमुख रिफॉर्म, बड़े बदलाव जुड़ने जा रहे हैं। पहला बदलाव ये है कि आज से देशभर की सवा 3 लाख से अधिक खाद की दुकानों को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के रूप में विकसित करने के अभियान की शुरुआत हो रही है। ये ऐसे केंद्र होंगे जहां खिर्फ खाद ही नहीं मिलेगी, बल्कि बीज, उपकरण, मिट्टी की टेस्टिंग, हर प्रकार की जानकारी जो भी किसान को चाहिए, वो इन केंद्रों पर एक ही जगह मिलेगी।
"16,000 करोड़ रुपए की एक और किस्त किसानों के खाते में जमा हुई"
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पीएम मोदी ने कहा कि वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसान को हर तरह के भ्रम से मुक्ति मिलने वाली है और बेहतर खाद भी उपलब्ध होने वाली है। देश में अब एक ही नाम, एक ही ब्रांड से और एक समान गुणवत्ता वाले यूरिया की बिक्री होगी। ये ब्रांड है – भारत! प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां जो पारंपरिक मोटे अनाज- Millets होते हैं, उनके बीजों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी आज देश में अनेक हब बनाए जा रहे हैं। भारत के मोटे अनाज पूरी दुनिया में प्रोत्साहन पाएं, इसके लिए सरकार के प्रयासों से अगले वर्ष को मोटे अनाज का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष भी घोषित किया गया है।
‘प्राकृतिक खेती से मिलता है भविष्य की चुनौतियों के समाधान का रास्ता’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के मंत्र पर, माइक्रो इरीगेशन पर बहुत अधिक बल दिया जा रहा है। पिछले 7-8 वर्षों में देश की लगभग 70 लाख हेक्टेयर जमीन को माइक्रोइरीगेशन के दायरे में लाया जा चुका है। भविष्य की चुनौतियों के समाधान का एक अहम रास्ता प्राकृतिक खेती से भी मिलता है। इसके लिए भी देशभर में बहुत अधिक जागरूकता आज हम अनुभव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को लेकर गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ यूपी, उत्तराखंड में बहुत बड़े स्तर पर किसान काम कर रहे हैं। गुजरात में तो जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर भी इसको लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से छोटे किसानों को कैसे लाभ होता है, इसका एक उदाहरण पीएम किसान सम्मान निधि भी है। इस योजना के शुरू होने के बाद से दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।
पीएम मोदी बोले- e-NAM के माध्यम से किसान घर बैठे बेच रहे उपज
पीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसान घर बैठे ही देश की किसी भी मंडी में अपनी उपज बेच सके, ये भी e-NAM के माध्यम से किया जा रहा है। आज एक और बहुत बड़ी चुनौती है जिसका जिक्र मैं अपने किसान भाइयों और हमारे इनोवेटर्स के सामने जरूर करना चाहूंगा। आत्मनिर्भर पर इतना बल मैं क्यों दे रहा हूं और खेती की, किसानों की इसमें क्या भूमिका है, ये हम सभी को समझ कर मिशन मोड में काम करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सबसे अधिक खर्च जिन चीजों को आयात करने में हमारा होता है, वो खाने का तेल है, फर्टिलाइजर है, कच्चा तेल है, इनको खरीदने के लिए ही हर वर्ष लाखों करोड़ रुपये हमें दूसरे देशों को देना पड़ता है। विदेशों में अगर कोई समस्या आती है तो इसका बुरा असर हमारे यहां भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसान पर बोझ न पड़े, हमारे किसान उन पर कोई नया संकट ना आए इसलिए जो 70-80 रुपये में यूरिया हम आज बाहर से लाते हैं, हम किसानों को 5-6 रुपये में पहुंचाते हैं ताकि हमारे किसान भाइयों-बहनों को कष्ट ना हो।
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ढाई लाख करोड़ सिर्फ यूरिया के लिए लगा रही सरकार: पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि किसानों को कम कीमत पर खाद मिले, इसके लिए इस वर्ष लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार सिर्फ यूरिया के लिए लगा रही है। आयात पर हो रहे खर्च को कम करने के लिए, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, हम सभी को मिलकर संकल्प करना ही होगा।
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