नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के नेता और न्यू बैरकपुर नगरपालिका के अध्यक्ष प्रबीर साहा ने कहा कि बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पार्टी के लिए कैंसर की तरह थे और वे भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल थे, इसलिए उन्हें मंत्रिपद से हटाना पड़ा। साहा ने कहा कि जब भी कैंसर होता है, तो इसे शरीर से निकाल दिया जाता है, इसी तरह पार्थ को भी निकाल दिया गया। साहा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कही।
बता दें कि पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे। पार्थ को प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई में बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी संलिप्तता पाए जाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस दौरान जांच एजेंसी ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ रुपये से अधिक नकद और सोना की बरामदगी की थी। जांच एजेंसी ने अर्पिता को भी गिरफ्तार किया था। पार्थ की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने उन्हें सभी पदों से बर्खास्त कर दिया और उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था।
पार्थ और अर्पिता की 31 अगस्त तक बढ़ाई गई है न्यायिक हिरासत
बता दें कि एक दिन पहले गुरुवार को कोलकाता में PMLA कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (SSC) भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 31 अगस्त तक बढ़ा दी थी। कोर्ट ने पांच अगस्त को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को भर्ती घोटाले के सिलसिले में 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
5 अगस्त के फैसले से पहले की सुनवाई के दौरान अर्पिता मुखर्जी के वकील ने उनकी जमानत की गुहार नहीं लगाई क्योंकि उनका मानना था कि उनकी जान को खतरा है। उसने अदालत से आग्रह किया कि उसे चार से अधिक कैदियों के साथ नहीं रखा जाना चाहिए। पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा था कि उनका अपराध से कोई लेना-देना नहीं है।