साइबर अपराधों के बढ़ते दौर में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 100 ऐसी वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है जो पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर ठगी कर रही थीं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह एक्शन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने लिया है जिसकी सिफारिश गृह मंत्रालय के तहत आने वाली नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिसिस यूनिट ने की थी।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यूनिट ने पिछले सप्ताह ऑर्गेनाइज्ड इन्वेस्टमेंट या टास्क बेस्ड पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाली 100 से ज्यादा वेबसाइट्स की पहचान की थी और इन्हें बैन करने की सिफारिश की थी।
Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY), invoking its power under the Information Technology Act, 2000, has blocked these websites. These websites, facilitating task based and organized illegal investment related economic crimes, were learnt to be operated by…
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 6, 2023
विदेश से किया जा रहा था इनका संचालन
मंत्रालय ने बताया कि इन वेबसाइट्स का संचालन विदेशी कंपनियां कर रही थीं। ये कंपनियां लोगों को चूना लगाने के लिए डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर आदि का इस्तेमाल कर रही थीं।
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बयान के अनुसार यह भी पता चला है कि बड़े स्तर पर होने वाली आर्थिक धोखाधड़ी से होने वाली कमाई को कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टोकरेंसी और अंतरराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों का इस्तेमाल करते हुए देश के बाहर भेजा गया था।
नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और 1930 हेल्पलाइन के जरिए धोखाधड़ी के ऐसे मामलों की कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। मंत्रालय ने कहा कि ये अपराध नागरिकों के लिए खतरा बन रहे थे और इनसे डाटा सुरक्षा पर भी संकट बन रहा था।
इस तरह लोगों को फंसाती हैं ये वेबसाइट्स
इस तरह के फ्रॉड की शुरुआत आम तौर गूगल और मेटा जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ‘घर बैठे जॉब’ और ‘घर बैठे कमाई कैसे करें’ जैसे कीवर्ड्स के साथ डिजिटल विज्ञापनों के जरिए की जा रही थी। इनका निशाना रिटायर हो चुके कर्मचारी, महिलाएं और पार्ट टाइम नौकरी ढूंढ रहे बेरोजगार युवा होते हैं।
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जब कोई यूजर ऐसे विज्ञापन पर क्लिक करता है तो एक एजेंट व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे मैसेंजर एप्स के जरिए उससे बात करना शुरू करता है। यह एजेंट यूजर को वीडियो लाइक करने और चैनल सब्स्क्राइब करने या मैप पर रेटिंग देने जैसे आसाम काम करने के लिए राजी करता है।
जब यूजर यह काम पूरा कर देता है तो शुरुआत में उसे कुछ कमीशन दिया जाता है। लेकिन साथ ही ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर उसे निवेश करने के लिए कहा जाता है। शुरुआत में पैसे मिलने की वजह से यूजर को भी इस पर भरोसा हो जाता है और जैसे ही वह बड़ा निवेश करता है एजेंस गायब हो जाता है।
बयान में कहा गया है कि साइबर सुरक्षित भारत केंद्रीय गृह मंत्रालय की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है।