Parliament Winter Session: ससंद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन हंगामे के कारण संसद में कामकाज नहीं हो सका। अडाणी और वक्फ बिल बोर्ड को लेकर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच सदन को पहले कुछ घंटों के लिए और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया जाता है। कांग्रेस अडाणी के मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। हालांकि सत्र के दौरान इंडिया गठबंधन में फूट देखने को मिली। टीएमसी ने अडाणी मामले में अलग रुख अपना या है। पार्टी के नेताओं ने संसद में अन्य मुद्दों को उठाने पर जोर दिया है।
टीएमसी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद बुधवार को राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा टीएमसी चाहती है कि संसद चले ताकि लोगों के मुद्दों उठाए जा सके। उन्होंने कहा अडाणी मुद्दे के कारण संसद में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। टीएमसी के लोकसभा सांसद काकोलि घोष ने कहा हमारी पार्टी चाहती है कि संसद में कामकाज हो। हम नहीं चाहते हैं कि किसी एक मुद्दे के कारण संसद ठप हो जाए।
इन मुद्दों पर चर्चा चाहती हैं टीएमसी
बता दें कि टीएमसी की रणनीति इस मुद्दे के इतर सरकार को घेरने की है। टीएमसी दक्षिण बंगाल में कुपोषण, मणिपुर, पूर्वोत्तर में अशांति, खाद्या सामग्री की कमी और महिला सुरक्षा बिल के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरना चाहती है। अपराजिता बिल विधानसभा पारित कर चुकी है, लेकिन उसे राज्यपाल ने रोक दिया है। पार्टी ने कहा कि वे इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास ले जाएगी और राज्यव्यापी आंदोलन चलाएगी।
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बुधवार को 18 स्थगन प्रस्ताव नोटिस
बता दें कि बुधवार को राज्यसभा और लोकसभा में विभिन्न दलों के सांसदों ने 18 मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इनमें से अधिकांश प्रस्ताव मणिपुर हिंसा, दिल्ली में बते अपराध और संभल हिंसा में चर्चा को लेकर दिए थे। हालांकि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इनको खारिज कर दिया था।
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