Parliament Security Breach Case: संसद सुरक्षा चूक मामले में शामिल छह में पांच आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को पुलिस को इसकी इजाजत दे दी है। एकमात्र आरोपी नीलम आजाद ने ही पॉलीग्राफ टेस्ट देने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दी पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति
मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अदालत से सभी आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी। इन आरोपियों में मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत शामिल हैं।
13 जनवरी तक बढ़ाई गई आरोपियों की हिरासत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने पुलिस की तरफ दायर एक आवेदन पर सभी आरोपियों की हिरासत 13 जनवरी तक बढ़ा दी। पुलिस ने कहा कि आरोपियों का सोशल मीडिया डेटा और सिम कार्ड का डेटा अभी तक रिकवर नहीं किया जा सका है। इसलिए इनकी हिरासत को बढ़ा दिया जाए।
VIDEO | Parliament security breach case: "The court has extended the remand for 8 more days. All the accused except my client Neelam have agreed for the polygraphic test," says accused Neelam Azad's lawyer Suresh Kumar Chaudhary. pic.twitter.com/0HLg5wHfxJ
— Press Trust of India (@PTI_News) January 5, 2024
पुलिस ने कोर्ट से मनोरंजन और सागर का नार्को-विश्लेषण और ब्रेन मैपिंग कराने की अनुमति मांगने की वजह बताते हुए कहा था कि साइको-एनालिसिस टेस्ट करने के बाद एक एक्सपर्ट द्वारा इन परीक्षणों की सिफारिश की गई थी।
संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले का मास्टरमाइंड है ललित झा
पुलिस के अनुसार, ललित झा संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले का मास्टरमाइंड है। मनोरंजन और सागर संसद सत्र के दौरान रंगीन धुआं वाले कनस्तरों के साथ दर्शक दीर्घा से लोकसभा के चैंबर में कूद गए थे, जिसके बाद उन्होंने कनस्तरों में विस्फोट कर दिया और पूरे सदन में धुआं फैल गया। वहीं, शिंदे और आजाद संसद के बाहर नारे लगा रहे थे।
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पुलिस ने संसद के उप निदेशक (सुरक्षा) की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। यह मामला आईपीसी की धारा 186 , 353, 452, 153, 34 और 120 बी (आपराधिक साजिश) और यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत दर्ज किया गया है। मामले में चार आरोपियों को तुरंत पकड़ लिया गया, वहीं ललित झा को 14 दिसंबर और कुमावत को 15 दिसंबर को हिरासत में लिया गया।
क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट?
पॉलीग्राफ टेस्ट के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ। इसे लाई डिटेक्टर मशीन भी कहा जाता है। यह टेस्ट हमेशा सटीक नहीं होता है। कभी-कभी कोई व्यक्ति सच बोल रहा होता है, लेकिन मशीन में दिखाई देता है कि व्यक्ति झूठ बोल रहा है। ऐसा तब होता है जब पॉलीग्राफ टेस्ट देने वाला व्यक्ति घबराया हुआ हो।
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