प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कांग्रेस की रैली में अपशब्द कहे जाने पर सोमवार को संसद में भारी हंगामा हुआ. इसकी वजह से सोमवार सुबह संसद के दोनों सदन शुरू होते ही स्थगित हो गए. लोकसभा में भाजपा सांसद किरेन रिजिजू ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक है और कांग्रेस नेतृत्व को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. रिजिजू ने कहा, इस सदन में हम लोग अलग-अलग पार्टी के सदस्य हैं. हम लोग एक दूसरे के विरोधी हैं, दुश्मन नहीं. 2014 में भाजपा ने एक सांसद ने विरोधियों के खिलाफ एक गलत शब्द इस्तेमाल किया था. इसके बाद पीएम मोदी ने तुरंत अपने सांसद को माफी मांगने को कहा और उन्होंने माफी मांगी.
रिजिजू ने कहा, रविवार को कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी के लिए अपशब्द कहे गए. यह इस देश के लिए बहुत दुख की बात है. कांग्रेस पार्टी, ऐसी शब्दों का इस्तेमाल करती है. पूरा कांग्रेस नेतृत्व उस रैली में था. इससे ज्यादा शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण कुछ हो नहीं सकता. 140 करोड़ लोगों के नेता, विश्व के सबसे प्रसिद्ध और मजबूत नेता पीएम मोदी के लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल किए गए हैं. इसके लिए कांग्रेस नेतृत्व को राज्यसभा और लोकसभा में माफी मांगनी चाहिए.
राज्यसभा में कैसे हुए हंगामा
वहीं, राज्यसभा में जेपी नड्डा ने कहा कि कल कांग्रेस की रैली में जिस तरह के नारे लगाए गए, वो उनकी सोच और मानसिकता को दिखाता है. एक प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की बात कहना एक बहुत ही निंदनीय है. इसके लिए हमारे नेता प्रतिपक्ष और सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए. राजनीति का स्तर कांग्रेस पार्टी ने इतना गिरा दिया है कि जो कल्पना के बाहर है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं.
Rajya Sabha adjourned till 12 noon. https://t.co/mBHMykojAR
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 15, 2025
क्या हुआ था कांग्रेस रैली में?
बता दें, दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस ने रविवार को ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली की थी. इसी रैली में पीएम मोदी के खिलाफ वो नारे लगाए गए थे, जिनका विरोध भाजपा कर रही है. इस रैली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं ने जमकर भाजपा पर निशाना साधा था. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमारी विचारधारा, भारत की विचारधारा, हिंदुत्व की विचारधारा, दुनिया के हर धर्म की विचारधारा कहती है कि सच सबसे ज़रूरी चीज़ है. मोहन भागवत कहते हैं कि सच बेकार है, ताकत ज़रूरी है…मैं आपको इस मंच से गारंटी देता हूं, आप देखेंगे, सच का साथ देकर, सच के पीछे खड़े होकर, हम नरेंद्र मोदी और अमित शाह, RSS की सरकार को भारत से हटा देंगे.
वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा को भी इस बात का एहसास है कि जनता का विश्वास खो चुका है, जैसा कि संसद के गलियारों में विपक्षी सांसदों से बचने और उनसे नजरें न मिलाने के उनके तरीके से स्पष्ट है. संसद में एक सत्र में मुश्किल से एक या दो बहसें होती हैं. जब राहुल जी ने मुद्दा उठाया, खरगे जी ने मुद्दा उठाया कि हम ईवीएम के जरिए वोटों की चोरी पर बहस करना चाहते हैं, तो वे डर गए. वे सहमत नहीं हुए. सरकार जनता की वास्तविक समस्याओं को उठाने से डरती है.










