जम्मू-कश्मीर के पुंछ, उड़ी, तंगधार और अखनूर सेक्टरों में पाकिस्तान की ओर से की गई भीषण गोलाबारी से सैकड़ों मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं कई नागरिक घायल हुए हैं। इसके बावजूद स्थानीय लोगों ने जिस साहस और संयम का परिचय दिया, वह मिसाल बनकर उभरा है। पुंछ के निवासी 28 वर्षीय शोभित टंडन ने बताया कि उनके घर में सीधा गोला गिरा, जिससे मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वह खुद गंभीर रूप से घायल हुए। शोभित कहते हैं कि मौत सामने खड़ी थी, पर सैनिकों की बहादुरी याद आई। उनके साहस ने मुझे हिम्मत दी। उन्होंने भारत सरकार से आक्रामक कार्रवाई की मांग की है।
गड़खाल गांव में हालात तनावपूर्ण
अखनूर सेक्टर के गड़खाल गांव में हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन ग्रामीणों के हौसले मजबूत हैं। सुरक्षा के मद्देनजर बाजार शाम होते ही बंद कर दिए जाते हैं और रात में लाइटें बुझा दी जाती हैं। गांव के बुजुर्गों शमशेर सिंह, ओमप्रकाश, दुर्गादास आदि ने अपने गांव और पशुधन की सुरक्षा का बीड़ा उठाया है। प्रशासन सतर्क है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर फिलहाल रोक लगी है। स्थानीय युवाओं ने स्थिति को लेकर संतुलित रुख अपनाया है। आयुष सिंह का कहना है कि पढ़ाई बाधित हो रही है, लेकिन इस समय सबसे बड़ी प्राथमिकता देश की सुरक्षा है। सेना पर पूरा भरोसा है, वे हर स्थिति का मुकाबला कर सकते हैं।
#WATCH | A local says, “Due to shelling by Pakistan, around 20 houses have suffered damage. My family spent the whole night together in one room. We want peace here.” pic.twitter.com/rwRRZQUrlT
— ANI (@ANI) May 9, 2025
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बुधवार देर रात पाकिस्तान की ओर से तंगधार और उड़ी सेक्टर में भारी गोलाबारी की गई। कई गांवों में घर और दुकानें पूरी तरह तबाह हो गईं। मंगलवार को तंगधार क्षेत्र में करीब 100 मकान और 40 वाहन क्षतिग्रस्त हुए। त्रिबुनि और बागबेला जैसे गांवों में आगजनी से कई घर जलकर खाक हो गए।
#WATCH | A building in a border town of J&K, which suffered significant damage in shelling by Pakistan, was demolished by the local administration today as a precautionary measure pic.twitter.com/kRE99Vko5t
— ANI (@ANI) May 9, 2025
स्थानीय निवासियों ने बंकरों में रात गुजारी
स्थानीय निवासी तारिक अहमद ने बताया कि हमने बंकरों में रात गुजारी। धमाकों से घर हिल रहे थे, किसी तरह जान बची। तहसीलदार करनाह मोहम्मद अमीन भट के अनुसार, प्रभावितों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल तैयार किए गए हैं और नुकसान का आकलन जारी है। प्रशासन की ओर से राहत का काम तेज कर दिया गया है। सेना और सुरक्षाबल हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है।
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