पहलगाम आतंकी हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा का सैफुल्लाह कसूरी सामने आया था। उसने आंखों में आंसू भरकर कहा था कि पहलगाम आतंकी हमला कराने में उसका, पाकिस्तान का और लश्कर-ए-तैयबा का कोई हाथ नहीं है, लेकिन अब उसके उस झूठ का पर्दाफाश हो गया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पता चला है कि पहलगाम आतंकी हमले की साजिश का सीधा कनेक्शन सैफुल्लाह से है।
पहलगाम हमले की जांच में पता चला कि कसूरी ने ही लश्कर-हिजबुल के टॉप 5 कमांडरों को निर्देश दिया था कि वे भारत में घुसकर हमला करें। सैफुल्लाह कसूरी के आदेश पर लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के 5 आतंकवादियों ने पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया था। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कनेक्शन पाकिस्तान में जुड़ता जा रहा है।
सैफुल्लाह कसूरी ने जारी किया था ये वीडियो
🚨🚨🚨 Breaking:
With tears in eyes Lashkar-E-Tayyaba Dpty Chief Saifullah Kasuri denies any role in the Pahalgam attack and cautions the world not to back India. pic.twitter.com/DzMWVbXSsa
— OsintTV 📺 (@OsintTV) April 23, 2025
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुई थी प्लानिंग
ABP की रिपोर्ट के अनुसार, पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के 5 टॉप कमांडर हैं। इनके नाम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाला लश्कर का टॉप कमांडर अबू मूसा, हुजी कमांडर इदरीस शाहीन, लश्कर का पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाला कमांडर मोहम्मद नवाज, हिजबुल का ऑपरेशनल कमांडर और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का नेता अब्दुल रफ्फा रसूल और लश्कर का फील्ड कमांडर अब्दुल्ला खालिद है।
पता चला है कि सैफुल्लाह के आदेश के बाद फरवरी 2025 में ही आतंकी हमले की प्लानिंग कर ली गई थी। इसका सबूत कसूरी का 2 फरवरी को प्रकाशित हुआ एक बयान है, जिसमें उसने कहा था कि फरवरी 2026 तक कश्तीर इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा। पता चला है कि 2 फरवरी के बाद ही कसूरी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले में अबू मूसा, इदरीस शाहीन, मोहम्मद नवाज, अब्दुल रफ्फा रसूल और अब्दुल्ला खालिद को बुलाया और उन्हें हमला करने का निर्देश दिया।
“पाकिस्तान की वजह से मुसलमान होते हैं बदनाम”
◆ जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने पहलगाम हमले पर कहा#PakistanBehindPahalgam | जामा मस्जिद | #PahalgamTerroristAttack | Pahalgam pic.twitter.com/tFwEnxUkJA
— News24 (@news24tvchannel) April 25, 2025
हमले से पहले रावलकोट में थे पांचों आतंकी
जांच में पता चला है कि कसूरी से आदेश मिलने के बाद पांचों आतंकी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मीरपुर के खंबल इलाके में पहुंचे। पांचों ने मिलकर पहलगाम आतंकी हमले की प्लानिंग को फाइनल टच दिया और हमले की तारीख 22 अप्रैल तय की। सैफुल्लाह कसूरी खुद भी मीरपुर आया था। 11 मार्च को उसके मीरपुर दौरे के सबूत भी मिले हैं, जिसमें वह अबू मूसा को गले लगाता और उसकी पीठ थपथपाता नजर आया। 18 अप्रैल को पांचों आतंकी रावलकोट में पहुंचे।
17 मार्च को भारतीय सेना ने जिस आतंकी अब्दुल हलीम को ढेर किया था, उसकी शोक सभा में पांचों आतंकियों ने हिस्सा लिया। शोक सभा में दिए गए भाषण में लश्कर के कमांडर अब्दुल्ला खालिद ने कहा कि भारतीय सेना ने 17 मार्च को हलीम को मार दिया, इसका बदला लिया जाएगा। बॉर्डर पर मुजाहिदीन की लहर चलाई जाएगी। खालिद ने यहूदियों और हिंदू को मुसलमानों का दुश्मन बताया। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के नेता अब्दुल रफ्फा रसूल ने भी सभा को संबोधित किया था।
लश्कर कमांडर मोहम्मद नवाज ने भी सभा में भाषण दिया था। नवाज के दोनों बेटे और भाई भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। रावलकोट लंबे समय से भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए लॉन्चपैड के तौर पर काम करता रहा है और इस इलाके में हिजबुल, लश्कर और जैश के 50 से ज्यादा ट्रेनिंग कैंप चल रहे हैं।