Pahalgam terror attack chargesheet: पहलगाम आतंकी हमले के 8 महीने बाद दाखिल की एनआईए की चार्जशीट में आरोपी बनाए गए सात लोगों में पाकिस्तानी हैंडलर साजिद जट्ट भी शामिल है. इसके अलावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LeTT) और उसके सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) सहित छह अन्य लोगों के नाम शामिल किए गए हैं. पहलगाम में इसी साल 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की चार्जशीज में लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम हमले की योजना बनाने, उसे अंजाम देने और उसे अंजाम देने में कानूनी संस्थाओं के रूप में उल्लिखित हैं. 1,597 पृष्ठों के इस आरोप पत्र में पाकिस्तान की साजिश, आरोपियों की भूमिका और मामले से जुड़े सहायक साक्ष्यों का विस्तृत विवरण दिया गया है.
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The National Investigation Agency (NIA) today chargesheeted seven accused in the Pahalgam terror attack case, including the Pakistan-based Lashkar-e-Taiba (LeT) / The Resistance Front (TRF) terrorist organisation.
— ANI (@ANI) December 15, 2025
The chargesheet, which details Pakistan’s conspiracy, roles of… pic.twitter.com/MICJowKZaz
कौन है पाकिस्तानी हैंडलर साजिद जट्ट?
पंजाब प्रांत के कसूर जिले में रहने वाला साजिद जट्ट पाकिस्तानी हैंडलर है. साजिद जट्ट को सैफुल्लाह, लंगड़ा, अली साजिद, नूमी, नुमान, उस्मान हबीब, शानी जैसे कई नामों से जाना जाता है, लेकिन उसकी असली नाम हबीबुल्लाह मलिक है. एनआईए की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल साजिद जट्ट पर एनआईए ने 10 लाख रुपए के नाम का ऐलान भी कर रखा है. कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड साजिद जट्ट TRF और लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर है. साजिद जट्ट को अक्टूबर 2022 में UAPA के तहत आतंकी घोषित किया गया था.
चार्जशीट में मारे गए आतंकियों के नाम भी शामिल
पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी इस चार्जशीट को एनआईए ने जम्मू स्थित एनआईए विशेष न्यायालय में जमा करवाया गया है. इस चार्जशीट में जुलाई 2025 में मारे गए उन तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम भी शामिल हैं, जिन्हें श्रीनगर के दाचीगाम में ऑपरेशन महादेव के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने में इन आरोपियों के नाम भी शामिल थे. तीनों की पहचान फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है.
आरोपियों पर किन धाराओं के तहत लगे आरोप?
एनआईए ने बताया कि चार्जशीट में लश्कर-ए-तैबा, आतंकवादी संगठन टीआरएफ और उपर्युक्त चारों आतंकवादियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023, शस्त्र अधिनियम, 1959 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. एनआईए ने अपने आरोपपत्र में आरोपियों के खिलाफ भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के लिए भी दंड संहिता की धाराएं लगाई हैं. एनआईए ने पिछले लगभग आठ महीनों तक चली गहन वैज्ञानिक जांच के माध्यम से इस मामले (आरसी-02/2025/एनआईए/जेएमयू) में साजिश का पता पाकिस्तान से लगाया है, जो भारत के खिलाफ आतंकवाद को लगातार प्रायोजित कर रहा है. 22 जून को आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथर के नाम भी चार्जशीट में शामिल हैं. पूछताछ के दौरान दोनों व्यक्तियों ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान उजागर की थी.
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