राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही थी। गृहमंत्री अमित शाह सदन को संबोधित कर रहे थे। ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव पर जानकारी दे रहे थे। लेकिन विपक्ष ने जोरदार हंगामा करते हुए पीएम मोदी को सदन में बुलाने की मांग की। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर पीएम खुद सदन में आकर जवाब नहीं देते तो यह सदन का अपमान है। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। मल्लिकार्जुन खड़गे की मांग पर इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने हंसते हुए कहा कि ये मुद्दा खड़गे साहाब उठा रहे। ज्यादातर महत्वपूर्ण मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी खड़गे साहाब को बोलने नहीं देती। पीछे से खड़े करती है। वो लोग मुद्दा उठा रहे हैं।
गृहमंत्री ने की थी बहिष्कार की भविष्यवाणी
पीएम को बुलाने की मांग जब विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे थे। तभी उपसभापति ने सभी से गृहमंत्री को सुनने की अपील की। इतने में सांसद प्रमोद तिवारी खड़े होकर तंज कसते हुए कहा कि माननीय गृहमंत्री जी बोलें, आर्टिकल 75 में उन्हें बोलने का पूरा अधिकार है। तिवारी को टोकते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि तिवारी जी बहिष्कार करने का तय करके आए हो क्या?
उपसभापति पर उठाए सवाल
गृहमंत्री के भाषण की शुरुआत में ही विपक्षी सांसदों ने बवाल शुरू कर दिया। पीएम मोदी को सदन में बुलाने की बात पर उपसभापति ने कहा कि मैंने पहले भी सभी को ब्रीफ किया था कि सरकार की ओर से कोई मंत्री जवाब दे सकता है। हरिवंश ने खड़गे से कहा कि आपको बोलने का मौका दिया गया। इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरिवंश से कहा कि आप हर बार टोकते रहते हो। इसी बात पर हंगामा करते हुए विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया।
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पीएम आंएगें तो और तकलीफ होगी- शाह
विपक्षी सांसद सदन में पीएम मोदी को बुलाने की मांग कर रहे थे। तभी गृहमंत्री ने कहा कि मैं जवाब देता हूं इसका। शाह ने कहा कि पीएम अभी भी ऑफिस हैं। उनको (पीएम मोदी) को ज्यादा सुनने का शौक है क्या। कहा कि मुझसे निपट रहा है तो काहे को पीएम को बुला रहे हो, और तकलीफ होगी। फिर शाह ने उपसभापति की ओर देखते हुए हंसते हुए शाह ने कहा कि ये समझते नहीं हैं।