Operation Sindoor: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में बहुत से मासूम लोगों की जान चली गई। 12 साल के दो जुड़वा बच्चे पाकिस्तान के नापाक इरादों की बलि चढ़ गए। पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सीमा पार से दागे गए मोर्टार शेल की चपेट में आकर 12 वर्षीय जुड़वां बच्चों जोया और अयान खान की मौत हो गई थी। पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई गोलाबारी के बीच हुए इस हमले में उनके चाचा-चाची भी मारे गए थे। दोनों जुड़वा बच्चों का मरने से कुछ दिन पहले ही जन्मदिन मनाया था। बच्चों के पिता की भी हालत नाजुक है, वो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
बच्चों की मौत से टूटा परिवार
12 वर्षीय जुड़वां बच्चों जोया और अयान खान की मौत से परिवार बुरी तरह से टूट गया है। बच्चों ने पिछले महीने ही अपना 12वां जन्मदिन मनाया था। 7 मई को पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में कुछ ही मिनटों में बच्चों की मौत हो गई। दोनों बच्चे मरने से कुछ दिन पहले ही बेहतर शिक्षा के लिए अपने माता-पिता के साथ पुंछ में शिफ्ट हुए थे। बच्चों की मौत के बाद से ही परिवार में मातम का माहौल है।
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मौत से लड़ रहे बच्चों के पिता
जोया और अयान खान की तो मौत हो गई है लेकिन उनके पिता 48 वर्षीय रमीज खान गोलाबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए। अभी वो जम्मू के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। रमीज को अभी तक पता ही नहीं है कि उनके बच्चों की मौत हो गई है। जरा सोचिए जब उन्हें होश आएगा और पता चलेगा कि उन्होंने अपने जिगर के टुकड़ों को खो दिया है तो उन पर किया बितेगी। उनकी मां उर्षा खान मानसिक रूप से टूट चुकी हैं, वह अपने इकलौते बच्चों को खोने के दर्द और अपने पति को जीवित रहने के लिए संघर्ष करते देखने के बीच फंसी हुई हैं।
करीबी रिश्तेदारों ने बताई आपबीती
दो बच्चों की मौत, पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा और चाचा-चाची भी मारे गए। इन हालातों में परिवार बदहवास सा हो गया है। परिवार में इतना दुख था कि वह प्रेस से बात नहीं कर सका, लेकिन करीबी रिश्तेदार मारिया और सोहेल खान ने इस भयावह घटना के बारे में बताया। मारिया ने रोते हुए कहा, “ज़ोया बुरी तरह घायल हो गई थी। अयान की आंतें बाहर निकल आई थीं। हमारे एक रिश्तेदार ने उसे बचाने की कोशिश की – हमें लगा कि वह बच जाएगा – लेकिन कुछ ही मिनटों में दोनों की मौत हो गई।”
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