ऑनलाइन गेमिंग बिल कानून बनने से एक कदम दूर है। राज्यसभा में भारी मतों से यह बिल पास हो गया है। अब राष्ट्रपति के साइन करते ही यह कानून बन जाएगा। इस बिल के तहत सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। हालांकि ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बिल का उद्देश्य अच्छे पहलुओं को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है। इसका उद्देश्य भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) जैसे संस्थानों के माध्यम से भारत को खेल विकास का केंद्र बनाना है, जहां गेमिंग को एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है।
क्या-क्या होंगे प्रावधान?
ऑनलाइन गेमिंग बिल सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम पर बैन लगाएगा। इसके अलावा ऑनलाइन मनी गेम्स के विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगेगा। बैंकों व वित्तीय संस्थानों को ऐसी गतिविधियों के लिए मनी देना या ट्रांसफर करने की मनाही होगी। इस कानून का उल्लघंन करने पर 3 साल की जेल और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
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किस तरह के गेमिंग एप होंगे बैन?
सरकारन ने बताया कि जिन ऑनलाइन गेम्स में रुपयों का लेनदेन होगा, वह प्रतिबंधित रहेंगे। इस कानून में बताया गया है कि जिन गेम्स में रुपये या अन्य पुरस्कार जीतने की उम्मीद में पैसा जमा किया जाता है। ऐसे सभी गेम बैन किए जाएंगे। इस कानून में ड्रीम11, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल), हाउजैट, एसजी11 फैंटेसी, विनजो और पोकरबाजी जैसे फेमस गेम्स प्रभावित होंगे।
क्यों पड़ी बिल की जरुरत?
संसद में बहस के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग में अपनी जीवन भर की बचत गंवा देते हैं। कहा कि ऐसे कई प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को फंडिंग के रूप में हुआ है। इसके अलावा आतंकवादी संगठनों ने ऐसे गेमिंग एप को मैसेंजिग एप के रूप में भी प्रयोग किया है।
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