Election Commission On One Nation One Election : भारतीय निर्वाचन आयोग ने बताया है कि अगर भारत में एक देश एक चुनाव की व्यवस्था आ जाती है तो ईवीएम पर कितना खर्च आएगा। आयोग का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित कराने पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) खरीदने के लिए हर 15 साल में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
₹ 10,000 Crore Every 15 Years – Cost of One Nation, One Election pic.twitter.com/YLrYuV2k1A
---विज्ञापन---— Political Critic (@PCSurveysIndia) January 20, 2024
आगामी चुनाव में बनेंगे 11.8 लाख पोलिंग स्टेशन
आयोग ने इस संबंध में केंद्र सरकार को जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि ईवीएम की शेल्फ लाइफ 15 साल की होती है। अगर एक साथ चुनाव होते हैं तो मशीन के एक सेट से तीन बार मतदान सकता है। ऐसे में हर पोलिंग स्टेशन पर ईवीएम के दो सेट (एक लोकसभा, एक विधानसभा) लगेंगे। अनुमान के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव में 11.8 लाख पोलिंग स्टेशन बनाने की जरूरत पड़ेगी।
अपने पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से यह भी कहा है कि विभिन्न स्तरों पर किसी डिफेक्टिव मशीन को रिप्लेस करने के लिए कंट्रोल यूनिट्स (सीयू), बैलट यूनिट्स (बीयू) और वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों की रिजर्व के तौर पर जरूरत पड़ेगी। बता दें कि एक ईवीएम के लिए कम से कम एक बीयू, एक सीयू और एक वीवीपैट मशीन की जरूरत होती है।
2029 से पहले एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं
निर्वाचन आयोग ने अतिरिक्त पोलिंग और सिक्योरिटी कर्मचारियों और ईवीएम के लिए मजबूत स्टोरेज फैसिलिटी के साथ वाहनों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया है। इसने कहा है कि नई मशीनों के प्रोडक्शन को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ साल 2029 से पहले नहीं कराया जा सकता। आयोग ने यह भी कहा कि ऐसा करने के लिए संविधान के 5 आर्टिकल्स में संशोधन करना होगा।
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