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एक देश-एक चुनाव कमेटी से अधीर रंजन बाहर, शाह को चिट्ठी लिखकर गिनाई दो बड़ी वजह

One Nation-One Election News Updates: लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली आठ सदस्यीय समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। चौधरी ने गृह मंत्री शाह को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Sep 2, 2023 23:20
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Adhir Ranjan Chowdhury

One Nation-One Election News Updates: लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली आठ सदस्यीय समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। चौधरी ने गृह मंत्री शाह को चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को समिति से बाहर रखा गया है, और उनके स्थान पर पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को लिया है। यह संसदीय लोकतंत्र प्रणाली का जानबूझकर किया गया अपमान है। मुझे समिति में काम करने से इंकार करने में कोई झिझक नहीं है। मुझे डर है कि समिति पूरी तरह से धोखा है।

समिति में ये शामिल

दरअसल, एक देश-एक चुनाव के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी को जिम्मेदारी दी गई है कि वह तय करे कि क्या भारत में संसदीय और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते हैं। गृह मंत्री अमित शाह समिति का हिस्सा हैं। समिति के अन्य सदस्य 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी हैं।

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गजट अधिसूचना के अनुसार, समिति न केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव, बल्कि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव भी एक साथ कराने की व्यवहार्यता पर गौर करेगी।

चौधरी ने पत्र जारी किया

अधीर रंजन चौधरी ने चिट्ठी में लिखा कि मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तों को इसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार किया गया है। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है। कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा कि आम चुनाव से कुछ महीने पहले व्यावहारिक रूप से गैर-व्यवहार्य और तार्किक रूप से राष्ट्र पर लागू न होने वाला विचार सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है। इसके अलावा, मुझे लगता है कि राज्यसभा में वर्तमान एलओपी को बाहर रखा गया है। यह संसदीय लोकतंत्र की प्रणाली का जानबूझकर किया गया अपमान है।

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Edited By

Bhola Sharma

First published on: Sep 02, 2023 11:20 PM

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