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Nupur Sharma को बीजेपी ने क्यों दिखाया बाहर का रास्ता? 3 वजह हैं जिम्मेदार

Nupur Sharma: पैगंबर मोहम्मद पर अपने विवादिन बयान को लेकर चर्चा में रहीं नूपुर शर्मा लोकसभा चुनावों के कारण फिर सुर्खियां बटोर रही हैं। खबरों की मानें तो बीजेपी नूपुर को कांग्रेस के गढ़ रायबरेली से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि नूपुर को बीजेपी से सस्पेंड कर दिया गया है। तो आइए जानते हैं कि नूपुर का पुरजोर समर्थन करने वाली बीजेपी ने आखिर उन्हें बाहर का रास्ता क्यों दिखा दिया?

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Mar 20, 2024 16:22
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Nupur Sharma: लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं। पिछले कुछ दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं कि नूपुर शर्मा आगामी आम चुनावों में बीजेपी की प्रबल उम्मीदवार बन सकती हैं। सत्ता के गलियारों में ये सुगबुगाहटें तेज हो गईं हैं कि भारतीय जनता पार्टी नूपुर शर्मा को उत्तर प्रदेश के रायबरेली से टिकट देने की प्लानिंग कर रही है। मगर क्या आप जानते हैं कि नूपुर शर्मा को भाजपा ने क्यों निलंबित कर दिया था?

नूपुर की विवादित टिप्पणी

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बीजेपी प्रवक्ता के पद पर नियुक्त नूपुर शर्मा ने एक डिबेट शो में हिस्सा लिया था। इस दौरान नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद से जुड़ा विवादित बयान दिया था, जिसके कारण नूपुर शर्मा को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। नतीजतन भाजपा ने भी नूपुर को पार्टी से निष्काशित कर दिया। मगर नूपुर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के पीछे एक, दो नहीं बल्कि तीन वजहें थीं।

इस्लामिक देशों ने डाला दवाब

नूपुर शर्मा के बयान पर भारतीय मुस्लमानों की तीखी प्रतिक्रिया झेलने के बावजूद बीजेपी ने नूपुर का साथ दिया था। मगर मामला अरब देशों तक पहुंच गया। सऊदी अरब और UAE से बेहतर रिश्ते होने के कारण नूपुर के बयान पर कोई सख्त बयान सामने नहीं आया। मगर कतर ने नूपुर के बयान की कड़ी आलोचना की, जिससे भारत और कतर के रिश्तों में तल्खी आने लगी थी। इसी के बाद कतर ने नौसेना के 8 अफसरों को जेल में डाल दिया था, जिसे कई लोग नूपुर के बयान से जोड़कर देख रहे थे। ऐसे में बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दवाब के चलते भाजपा ने नूपुर को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

विदेश में बसे भारतीय नागरिकों पर आया संकट

नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद कई अरब देशों में हिंसा बढ़ने लगी थी। खासकर कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन जैसे देशों में भारतीय नागरियों को निशाना बनाया जा रहा था। कई लोगों को जान से मारने तक की धमकी मिल रही थी। इसी के साथ मंदिर में मौजूद मूर्तियां भी तोड़ी जाने लगी थी। इन परिस्थितियों पर काबू पाने के लिए भारत सरकार को सख्त एक्शन लेने की जरूरत थी। लिहाजा नूपुर का संस्पेंशन इसी का एक हिस्सा था।

देश में बढ़ी हिंसा

नूपुर के बयान का असर देश में भी देखने को मिला था। इस बयान के वायरल होने के बाद नूपुर शर्मा को लेकर जगह-जगह हिंसा भड़क गई थी। प्रयागराज के अटाला से लेकर कानपुर में भयंकर हिंसा और पथराव देखने को मिला था, जिसपर काबू करने के लिए पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी पड़ी थी। जाहिर है देश में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ने के डर से भी बीजेपी को नूपुर शर्मा के खिलाफ एक्शन लेना पड़ा था।

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Edited By

News24 हिंदी

First published on: Mar 20, 2024 12:40 PM

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