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अब सुप्रीम कोर्ट के जज डी.वाई चंद्रचूड़ ने दी मीडिया को नसीहत बोले-जजाें को टारगेट करने की एक सीमा

नई दिल्ली: अब सुप्रीम कोर्ट के जज डी.वाई चंद्रचूड़ ने मीडिया को नसीहत दी है। एक मामले की सुनवाई के दौरान वह बोले जजाें को टारगेट करने की एक सीमा है। उन्होंने गुरुवार को जजों द्वारा मामलों की सुनवाई में देरी करने की खबरों पर नाराजगी व्यक्त की। "There is a limit to targeting judges": […]

Author Edited By : Amit Kasana Updated: Apr 4, 2025 18:42

नई दिल्ली: अब सुप्रीम कोर्ट के जज डी.वाई चंद्रचूड़ ने मीडिया को नसीहत दी है। एक मामले की सुनवाई के दौरान वह बोले जजाें को टारगेट करने की एक सीमा है। उन्होंने गुरुवार को जजों द्वारा मामलों की सुनवाई में देरी करने की खबरों पर नाराजगी व्यक्त की।

दरअसल, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ एक वकील द्वारा ईसाइयों पर हिंसा और हमलों से संबंधित एक मामले में सुनवाई कर रहे थे।  इस दौरान न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने समाचार में पढ़ा कि उनके द्वारा इस मामले को सुनवाई नहीं लिया जा रहा।

यह टालने की वजह 

न्यायाधीश ने कहा, “हमें (न्यायाधीशों) ब्रेक दें। उन्हाेंने कहा मैं कोविड से ग्रसित था। इसलिए इस मामले को टाल दिया गया। लेकिन मैंने समाचार में पढ़ा कि न्यायाधीश इस मामले को सूचीबद्ध नहीं कर रहे हैं। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा हमें टारगेट करने की एक सीमा है।”

जज नहीं बैठे थे 
बता दें कि उक्त मामले की 15 जुलाई को सुनवाई थी। लेकिन उस दिन जज नहीं बैठे थे। जिससे इस मामले की सुनवाई टाल दी गई।

यह है याचिका

बैंगलोर डायोसीज के आर्कबिशप डॉ पीटर मचाडो द्वारा दायर याचिका में देश भर में ईसाई संस्थानों और पुजारियों पर हमलों की बढ़ती संख्या का आरोप लगाया गया है। याचिका में देश भर के विभिन्न राज्यों में ईसाई समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा और भीड़ के हमलों को रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। साथ ही घृणा अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अदालत के पहले के दिशानिर्देशों को लागू करने की मांग की गई है।

विशेष जांच दल
याचिका में उन राज्यों के बाहर के अधिकारियों के साथ विशेष जांच दल स्थापित करने की मांग की गई है जहां प्राथमिकी दर्ज करने, आपराधिक जांच करने और कानून के अनुसार आपराधिक अपराधियों पर मुकदमा चलाने की घटनाएं होती हैं। इसने आगे निर्देश मांगा कि एसआईटी कानून के अनुसार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करें, जहां पीड़ितों के खिलाफ हमलावरों द्वारा झूठी काउंटर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

First published on: Oct 12, 2021 11:07 AM

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