काठमांडू: नेपाल में सरकार गठन के पंद्रह दिन बाद नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ 10 जनवरी को विश्वास मत का सामना करेंगे। 26 दिसंबर को उन्होंने तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली थी। प्रचंड ने
सोमवार को संसद सचिवालय से अनुरोध किया कि इस महीने के दूसरे मंगलवार को फ्लोर टेस्ट को एजेंडे में शामिल किया जाए।
Nepal PM Prachanda set to face vote of confidence on January 10
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— ANI Digital (@ani_digital) January 2, 2023
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संसद सचिवालय के प्रवक्ता रोजनाथ पांडे ने मीडिया में दिए बयान में कहा, “प्रधानमंत्री ने 10 जनवरी को संसद के एजेंडे में विश्वास मत के विषय को शामिल करने के लिए एक पत्र भेजा है।” संविधान के अनुच्छेद 76 के अनुसार, दहल को सात दलों के समर्थन से प्रधानमंत्री चुना गया था। एक संवैधानिक आवश्यकता बताती है कि प्रधानमंत्री को पद की शपथ लेने के एक महीने के भीतर विश्वास मत प्रस्तुत करना होगा।
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प्रवक्ता ने कहा कि नई प्रतिनिधि सभा की पहली बैठक 9 जनवरी को होने वाली है। संसद शुरू होने के एक दिन बाद पीएम दहल विश्वास मत लेने जा रहे हैं। फ्लोर टेस्ट के साथ दहल को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने की भी उम्मीद है। गौरतलब है कि 11 दिसंबर 1954 को पोखरा के पास कास्की जिले के धिकुरपोखरी में जन्मे प्रचंड करीब 13 साल तक अंडरग्राउंड रहे थे। वह मुख्यधारा की राजनीति में तब शामिल हो गए जब सीपीएन-माओवादी ने शांतिपूर्ण राजनीति को अपनाया और एक दशक लंबे सशस्त्र विद्रोह को समाप्त कर दिया। प्रचंड ने 1996 से 2006 तक एक दशक लंबे सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व किया जो अंततः नवंबर 2006 में व्यापक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ।
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