Nepal Gen-Z Protest Update: नेपाल में ‘Gen-Z’ के हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बड़ा बयान दिया है। पीएम ओली ने देश में सोशल मीडिया पर लगी पाबंदी हटाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे इस्तीफा दे देंगे लेकिन सोशल मीडिया पर बैन नहीं हटाएंगे। कैबिनेट की बैठक के बाद पीएम ओली ने यह बयान जारी किया।ओली ने साफ संदेश दिया है कि ‘Gen-z उग्रवादियों’ के सामने नहीं झुकेंगे। हालांकि पीएम ओली के बयान से कुछ समय पहले ही नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। हिंसक प्रदर्शन में लोग लगातार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
19 की मौत, 300 से ज्यादा घायल
नेपाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने काठमांडू में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई हिंसक प्रदर्शन और झड़पों के बाद आधिकारिक सूची जारी की है जिसमें 19 लोगों की मौत और 347 घायल होने की पुष्टि की गई है। मौत के आंकड़े बढ़ने की संभावना है।
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ऐसे हिंसक हो गया प्रदर्शन
नेपाल सरकार ने हाल ही में देश में सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके चलते देश के एक बड़े वर्ग में आक्रोश शुरू हो गया था। लोगों ने 8 सितंबर को राजधानी काठमांडू में प्रदर्शन की योजना बनाई। इसमें लोगों को जोड़ने के लिए प्रचार भी किया गया, लेकिन शासन-प्रशासन युवाओं की चेतावनी को गंभीरता से नहीं ले पाए। नतीजन 8 सितंबर को सुबह से ही लोग बड़ी संख्या में काठमांडू में जुटना शुरू हो गए। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गई। लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए संसद की तरफ बढ़ दिए। यहां प्रदर्शनकारियों की पुलिस से बहस शुरू हो गई।
यह बहस कब हिंसा में बदल गई, किसी को नहीं पता चला। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आंसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन हालात काबू में नहीं आए। हिंसा बढ़ते देख सरकार ने काठमांडू में कर्फ्यू लागू कर दिया। सड़कों पर सेना उतार दी। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के घर के बाहर सेना तैनात कर दी गई। हालांकि हिंसक प्रदर्शन में पीएम ओली ने आशंका जताई है कि प्रदर्शन में आम लोगों के साथ कई घुसपैठिए आए थे, जिन्होंने प्रदर्शन को हिंसक बना दिया। आगे की कार्रवाई करते हुए पीएम ओली ने कहा कि हिंसा की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी।
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