Amendment in FDI policy on space sector: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (एफडीआई) पॉलिसी में संशोधन को मंजूरी दे दी। अब इस बदलाव के बाद सैटेलाइट सब सेक्टर को तीन अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया है और तीनों भागों में विदेशी निवेश की सीमा भी तय कर दी गई है।
The Union Cabinet chaired by Prime Minister Narendra Modi approved the amendment in Foreign Direct Investment (FDI) policy on space sector. Now, the satellites sub-sector has been divided into three different activities with defined limits for foreign investment in each such… pic.twitter.com/eiuBDxmkuZ
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 21, 2024
युवाओं को मिलेगा रोजगार
दरअसल, फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट में विदेश की कंपनियां भारत में निवेश करती हैं। वह यहां अपनी कंपनी, ऑफिस स्पेस औरअन्य गतिविधियां करती हैं। ऐसे में यह संशोधन स्पेस सेक्टर में काम करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। वहीं, इन विदेशी कंपनियों के निवेश से देश में युवाओं को रोजगार मिलेगा। यह कंपनियां इंडिया में जिस फर्म या कंपनी के साथ काम करेंगी उन्हें भी कारोबार मिलेगा।
स्पेस सेक्टर में बढ़ेगा निवेश
बता दें भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 में निजी भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया है। प्राइवेट सेक्टर में वृद्धि कर स्पेस सेक्टर की भारत में क्षमताएं बढ़ाए जाने की बात कही गई है। ऐसे में यह नया संशोधन उसी तरफ एक कदम है। इससे स्पेस सेक्टर में रिचर्स, इनोवेशन और विकास में मदद मिलेगी। जानकारों के अनुसार इससे विदेशी और देशी कंपनियां रॉकेट कम्युनिकेशन और स्पेस सेक्टर संबंधी अन्य चीजों पर निवेश बढ़ाएगी।
स्पेस सेक्टर की भूमिका
पॉलिसी में संशोधन करने से इंडिया में स्पेस कंपनियों को फायदा मिलेगा। इन्हें ग्लोबल प्रोजेक्ट मिलने के अवसर पहले से बढ़ेंगे। बता दें कि भारत को विकसित देश बनाने में स्पेस सेक्टर इम्पोर्टेन्ट रोल है। इसके अलावा स्पेस उद्योग से जुड़े जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन तकनीक पर भी काम किया जा रहा है। यह तकनीक शहरों की योजना बनाने और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में काम आएगी।