Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के मतदान से पहले सभी पार्टियां धुआंधार प्रचार में जुटी है। पीएम मोदी ने आज यूपी और दिल्ली में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। चुनाव में सांप्रदायिक बयानों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी को आज चुनाव आयोग ने जमकर सुनाया। आयोग ने कहा कि चुनावों में बयान के कारण देश में माहौल नहीं बिगाड़ने दिया जाएगा। सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने वाले बयान देने से बचना होगा। इस बीच एक रिपोर्ट में सामने आया कि कांग्रेस ने इस बार केवल 16 मुस्लिम कैंडिडेट को ही प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने 4, आरजेडी ने 2 और इंडिया गठबंधन ने 543 में से केवल 34 मुस्लिमों को ही चुनाव मैदान में उतारा है।
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र और गुजरात में कांग्रेस ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है। 2014 में देश की संसद में 30 मुसलमान चुनाव जीतकर पहुंचे थे। इनमें से बीजेपी का 1 सांसद ही मुस्लिम था। वहीं 2019 में 27 मुस्लिम चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। इनमें एक भी सांसद भाजपा का नहीं था। जानकारी के अनुसार भाजपा ने 2014 और 2019 के चुनाव में कुल 13 मुस्लिमों को प्रत्याशी बनाया था। वहीं 2024 में बीजेपी ने केरल की मल्लपुरम सीट से एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया है।
2024 में एनडीए ने 4 मुस्लिमों को दिया टिकट
एडीआर के अनुसार भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में 430 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। वहीं एनडीए ने कुल 4 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी अखाड़े में भेजा है। केंद्रीय सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार 1980 में देश में मुस्लिमों की कुल आबादी 11 फीसदी थी। उस वक्त संसद में 9 प्रतिशत सांसद मुस्लिम थे। आज यानी 2024 में मुस्लिमों की आबादी 14 फीसदी हो चुकी है लेकिन उनका प्रतिनिधित्व घटकर 5 फीसदी से भी कम हो गया है। वहीं बात करें विधानसभाओं की तो देश के 28 राज्यों में 4 हजार से ज्यादा विधायक चुनकर आते हैं लेकिन मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व न के बराबर है। यूपी में 16 फीसदी मुसलमान रहते हैं लेकिन वहां की विधानसभा में केवल 7 प्रतिशत मुस्लिम विधायक हैं।
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