नई दिल्ली: देश के सीनियर वकील मुकुल रोहतगी एक बार फिर अटॉर्नी जनरल बन सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, वे एक अक्टूबर से देश के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू कर सकते हैं। वर्तमान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है।
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सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुरोध के बाद रोहतगी ने पिछले हफ्ते शीर्ष पद संभालने के लिए अपनी सहमति दी थी। रोहतगी 2014 और 2017 के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में अटॉर्नी जनरल थे।
उधर, 91 साल के केके वेणुगोपाल ने 30 सितंबर के बाद पद पर बने रहने में असमर्थता व्यक्त की थी। जून में वेणुगोपाल का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था। वेणुगोपाल को 1 जुलाई 2017 को तीन साल के कार्यकाल के लिए अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था।
वेणुगोपाल के कार्यकाल को एक साल के लिए दो बार बढ़ाया गया था। हाल ही में एक सुनवाई के दौरान, वेणुगोपाल ने संकेत दिया कि वह अपने वर्तमान कार्यकाल के पूरा होने के बाद शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में जारी नहीं रह सकते हैं।
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कौन हैं मुकुल रोहतगी
मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से मुकुल रोहतगी ने कानून की पढ़ाई के बाद मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल के साथ रहकर उन्होंने प्रैक्टिस शुरू की। 1993 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सीनियर काउंसिल का दर्जा दिया और 1999 में रोहतगी एडिशनल सालिसिटर जनरल बन गए। बता दें कि 2005-2007 तक योगेश कुमार सभरवाल देश के 36वें चीफ जस्टिस रहे थे।
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