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Monsoon की पहली बारिश से पानी-पानी हुए गुजरात-राजस्थान, कोलकाता में बाढ़ के हालात

Monsoon Update: लगातार हो रही बारिश के कारण पश्चिम बंगाल सहित गुजरात और राजस्थान में भी नगर निगम की लापरवाही देखने को मिली। बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई और मौसम सुहाना कर दिया, वहीं दूसरी ओर जयपुर हेरिटेज और स्मार्ट सिटी प्रबंधन के दावों की असलियत सामने आ गई।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shivani Jha Updated: Jun 20, 2025 15:55
Monsoon Update
राजस्थान में भारी बारिश

Monsoon Update: लगातार हो रही बारिश के कारण पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के एक बड़े इलाके में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। पहले से ही गरबेटा-1 ब्लॉक की 11 ग्राम पंचायतें और गरबेटा-2 ब्लॉक की 3 ग्राम पंचायतें शिलावती नदी के पानी से घिरी हुई हैं। चंद्रकोना समेत घाटाल अनुमंडल के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की स्थिति है।कई हजार प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ केंद्रों में पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की गई है।तीन इलाकों से सौ से अधिक परिवारों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

हालांकि, पलाशिया इलाके में पाथरबेरिया नदी घाट के पास एक घर के लोगों को अभी तक बचाया नहीं जा सका है। ब्लॉक के आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी उन्हें तेजी से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।इस बीच, स्थानीय और प्रशासनिक गरबेटा के दो (1 और 2) ब्लॉकों में कई सड़कें और पुल पानी से टूट गए हैं। आशंका है कि कई हजार मिट्टी के घर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं इसके चलते संपर्क टूट गया है। साथ ही शिलावती नदी के किनारे की कई सौ बीघा जमीन के जलमग्न होने की आशंका है।शालबनी में तमाल नदी भी बह रही है। शालबनी के औलारा इलाके में बांस का पुल टूट गया है।

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नदी का पानी हुआ ओवरफ्लो

नदी का पानी ओवरफ्लो हो गया और कृषि भूमि में पानी भरने लगा, लेकिन दोपहर होते-होते घोषकिरा गांव में शिलावती नदी का बांध टूट गया और कई गांवों के लोग मुश्किल में पड़ गए।पलाशचापरी श्रीनगर स्टेट हाईवे के चटाल इलाके में पानी बढ़ गया है और लोग घुटनों तक पानी में सड़क पार कर रहे हैं। घाटाल सबडिवीजन एडमिनिस्ट्रेटर सुमन बिस्वास ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राहत के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

गुजरात के 101 तालुकों में बरसात

गुजरात में तीन दिनों तक व्यापक बारिश के बाद शुक्रवार को बारिश का जोर कुछ कम हुआ है। बीते 24 घंटों में वलसाड जिले के वापी तालुका में सबसे ज्यादा 7 इंच और पारडी तालुका में 5 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा, कपराड़ा और धरमपुर में भी 4 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (SEOC), गांधीनगर के मुताबिक, 20 जून की सुबह 6 बजे तक बीते 24 घंटों में वलसाड के उमरगाम और नवसारी के खेरगाम में 4 इंच, जबकि भरूच के हांसोट और वालिया, सूरत के ओलपाड और डांग के वघई तालुका में 3 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। राज्य के 7 तालुकों में 2 इंच से अधिक, 12 तालुकों में 1 इंच से ज्यादा और 72 तालुकों में 1 इंच से कम बारिश हुई है। कुल मिलाकर, पिछले 24 घंटों में गुजरात के 23 जिलों के 101 तालुकों में बारिश हुई।

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जयपुर में मानसून की शुरुआत

वहीं राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानसून की पहली ही झमाझम बारिश ने शहर की पोल खोल दी। जहां एक ओर बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई और मौसम सुहाना कर दिया, वहीं दूसरी ओर जयपुर हेरिटेज और स्मार्ट सिटी प्रबंधन के दावों की असलियत सामने आ गई। बारिश के कुछ ही घंटों में शहर की कई सड़कें पानी में डूब गईं। हवा महल के पास चांदी के टकसाल इलाके में घुटनों तक पानी भर गया। इस इलाके में कई घंटे तक जलभराव बना रहा, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

ट्रैफिक जाम से जूझते लोग

बारिश थमने के बाद भी सड़कों पर पानी जमा रहा और इससे शहर के मुख्य मार्गों पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। आमेर-जयगढ़ की ओर जाने वाला व्यस्त मार्ग घंटों जाम रहा। वाहन चालकों और राहगीरों दोनों को परेशानी झेलनी पड़ी।

सवालों के घेरे में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जल निकासी की व्यवस्था बारिश की पहली ही परीक्षा में फेल हो गई। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतने बड़े-बड़े दावे और योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही क्यों रह जाती हैं?

लोगों का गुस्सा

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल यही हाल होता है, लेकिन प्रशासन सिर्फ बैठकें कर कागजी प्लानिंग में उलझा रहता है। चांदी के टकसाल से लेकर हवा महल और आमेर रोड तक हर साल बारिश में जलभराव आम समस्या बन चुका है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल पाता है या फिर हर मानसून में जयपुर की सड़कों का यही हाल देखने को मिलेगा।

First published on: Jun 20, 2025 03:55 PM

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